शहडोल: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से एक रूह कंपा देने वाली घटना सामने आ रही है जिसमें एक सरकारी चिकित्सालय द्वारा एंबुलेंस देने से मना करने के पश्चात् एक विवश पिता को अपनी 13 वर्षीय बेटी के शव को मोटरसाइकिल पर गोद में रखकर ले जाना पड़ा। पिता ने बताया कि एंबुलेंस के लिए पैसे नहीं थे जिसके कारन बेटी का शव ऐसा लेकर जाना पड़ा। पिता लक्ष्मण सिंह अपनी बेटी के शव को 70 किलोमीटर तक मोटरसाइकिल पर ले गए। कोटा शहर के निवासी लक्ष्मण ने कहा कि उनकी बेटी माधुरी का सोमवार रात सिकल सेल एनीमिया से देहांत हो गया।
उन्होंने बताया कि मैंने चिकित्सालय के अफसरों से एक शव वाहन के लिए कहा था, लेकिन उन्हेोंने बताया कि 15 किलोमीटर से ज्यादा दूर के जगहों के लिए वाहन उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने हमें स्वयं इसकी व्यवस्था करने के लिए कहा। पैसे की कमी की वजह से, हम अपनी बेटी के शव को बाइक पर ही रखकर ले गए।"
MP | Shahdol
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) May 16, 2023
लक्षमण सिंह गोंड (आदिवासी) की 13 साल की बेटी माधुरी की सिकल सेल बीमारी से मौत हो गई।
एंबुलेंस मांगने पर अस्पताल में कहा: अनुमति 15 किमी तक की है 70 किमी के लिए अपना इंतज़ाम करो।
प्राइवेट एंबुलेंस बजट में नहीं था तो लक्षमण बेटी का शव बाइक पर लेकर चल पड़े।
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वही बेबस पिता लक्ष्मण सिंह ने कहा कि वह अपने शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर थे जब उन्हें शहडोल की कलेक्टर वंदना वैद्य ने देखा था। वंदना, जो दूसरे शहर जा रही थी, उस वक़्त, लड़की के शव को सिंह के शहर ले जाने के लिए एक वाहन उपलब्ध कराना का आदेश दिया। वाहन प्राप्त होने के पश्चात् सिंह अपनी बेटी के शव को उसमें रखकर ले गए तथा फिर अंत्येष्टि की गई। शहडोल कलेक्टर ने परिवार की कुछ आर्थिक सहायता की तथा घटना की तहकीकात के आदेश दिए।
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