भारतीय दर्शकों के लिए सेंसरशिप जरूरी है.....
भारतीय दर्शकों के लिए सेंसरशिप जरूरी है.....
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आपने फिल्मों में अभिनय करते, गाना गाते मिमिक्री करते और कई मनोरंजक धारावाहिक होस्ट करते हुए कई चार्मिंग चेहरों को देखा होगा. मगर क्या आपने कभी किसी साधारण चेहरे को ऐसा करते हुए देखा है. मगर इस बात को सिरे से नकारा साधारण दिखाई देने वाले अन्नू कपूर ने. व हिंदी फिल्म जगत का जाना पहचाना नाम है अन्नू कपूर। इन दिनों वो रेडियो पर भी सुनाई दे रहे हैं। टीवी, फिल्म और अब रेडियो पर समान रुप से सक्रिय होने को लेकर अन्नू कपूर कहते हैं कि एक समय आता है जब व्यक्ति खुद को मानसिक तौर पर परिपक्व मानने लगता है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी है।

अब लगता है कि किसी चीज को लेकर समझ विकसित हुई है। भारत में फिल्मों पर होने वाली सेंसरशिप को लेकर अन्नू कपूर ने कहा 'किसी भी विषय को दर्शकों तक पहुंचाया जा सकता है यदि फिल्ममेकर चाहे तो। 'विक्की डोनर' इसका एक अच्छा उदाहरण साबित हो सकता है। मनोरंजन और फूहड़ता के बीच की लकीर को समझने वाला ऐसा करता ही है।

जहां तक सवाल फिल्मों में सेंसरशिप का है तो भारतीय दर्शकों के लिए सेंसरशिप जरूरी है। ऐसा क्यों? कारण कि भारतीय दर्शक अभी इतने परिपक्व नहीं हुए हैं कि वो किसी भी बात को आसानी से हजम कर पाए। देखा जाए तो अन्नू कपूर जितना बेहतरीन अभिनय करते थे, उतना ही बेहतरीन गाना भी गाते थे. यही नहीं आज भी ये बी4 यू म्यूजि़क समेत अन्य मनोरंजन चैनलों पर प्रोग्राम होस्ट करते नज़र आते हैं।

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