चीन के वुहान शहर से आये कोरोना ने दुनिया भर में त्राहि मचा रखी है. और इसी के चलते अमेरिका और चीन के बीच मतभेद की स्थिति बन गई है. इसी बीच अमेरिका ने एक और बड़ा निर्णय लिया है. जिसमे संयुक्त राज्य अमेरिका ने ताइवान के लिए सतह से हवा में मार करने वाली पैट्रियाट मिसाइलों के विकास के लिए 620 मिलियन डॉलर के पैकेज को अनुमति दे दी है. ताइवान का लेकर वाशिंगटन और बीजिंग के मध्य खींचतान के बीच अमेरिका का यह बड़ा ऐलान है.
वही अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने बयान में कहा है, कि चीन से बढ़ते टकराव व खतरे से निपटने के लिए यह निर्णय लिया है. अमेरिका के इस बयान के बाद अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते और तल्ख होंगे. इस बीच बीजिंग से बढ़ते सैन्य खतरे के बीच ताइवान ने अपनी सेना को अपग्रेड करने का काम आरम्भ कर दिया है. हाल में चीनी वायु सेना और नौसैनिक अभ्यास के बाद ताइवान भी सतर्क हो गया है. चीन के इस अभ्यास से क्षेत्रीय सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न हो गया है.
इसी बीच अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है, कि ताइवान अब तक हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्व को पूरी तरह से प्रदर्शित करता रहा है. वह हमारी सुरक्षा भागेदारी को मजबूत करता है और संयुक्त रूप से शांति और स्थिरता बनाए रखता है. वही अमेरिका ने कहा है, कि अमेरिकी मिसाइन के उन्नयन का जिम्मा लॉकहीड मार्टिन के जिम्मे होगा. मिसाइलों के उन्नयन में अनुमानित लागत 620 मिलियन अमेरिकी डॉलर आएगी. यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों के अनुरूप है. इससे ताइवान के सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और विश्वसनीय रक्षात्मक क्षमता में वृद्धि होगी. अपनी क्षमता में बढ़ोतरी के कारण ताइवान चीन द्वारा उत्पन्न क्षेत्रीय खतरों से निपट सकेगा और इसके साथ ही वह अपनी मातृभूमि की रक्षा भी कर सकेगा.
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