एयर एशिया के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मृत्युंजय चंदेलिया ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि, प्राइवेट एयरलाइन कंपनी एयर एशिया को अंतराष्ट्रीय लाइसेंस और विदेशी निवेश के लिए FIPB मंजूरी के लिए यूपीए सरकार के एक उड्डयन मंत्री को 50 लाख डॉलर की रिश्वत दी गई थी. सीबीआई अब इस मामले में यूपीए-2 सरकार में मंत्री रहे दो नेताओं की भूमिका की जांच करने की तैयारी में है. सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय उड़ान लाइसेंस पाने के लिए नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर केस दर्ज किया है. सीबीआई की एफआईआर में एयर एशिया मलेशिया के समूह सीईओ एंथनी फ्रांसिस 'टोनी' फर्नांडीज के अलावा ट्रैवल फूड के मालिक सुनील कपूर, एयर एशिया के निदेशक आर. वेंकटरमण, एविएशन एडवाइजर दीपक तलवार, सिंगापुर की एसएनआर ट्रेडिंग के निदेशक राजेंद्र दुबे और अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के नाम एफआईआर में शामिल हैं.
किसी एयरलाइन कंपनी को अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस के लिए पांच साल का अनुभव और 20 विमानों का बेड़ा होना अनिवार्य है. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, इन नियमों को ताक पर एयर एशिया को लाइसेंस दिया गया. सीबीआई का आरोप है कि फर्नांडीज़ ने लाइसेंस पाने के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ कथित लॉबिंग की वह मौजूदा 5/20 नियम को हटा दें और नियामकीय नीति में बदलाव करें. अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु समेत छह स्थानों पर छापे मारे गए हैं.
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि यह मामला लाइसेंस पाने के लिए कंपनी की तरफ से 5/20 नियम के कथित उल्लंघन से जुड़ा है. इसके अलावा इसमें विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के नियमों के उल्लंघन का मामला भी शामिल है. एविएशन सेक्टर में 5/20 नियम का मतलब किसी कंपनी के लिए पांच साल का अनुभव और 20 विमानों का बेड़ा होना अनिवार्य है, तभी वह अंतरराष्ट्रीय उड़ान परिचालन कर सकती है.
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आखिर क्यों यात्री विमान से कूद गए?
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