आप जानते ही हैं कि आज देश भर में अहोई अष्टमी का व्रत मनाया जा रहा है. ऐसे में महिलाएं अपनी संतान की लम्बी उम्र और उनके भविष्य के लिए व्रत करती हैं और इस अष्टमी पर महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखकर अहोई माता से अपने संतान की सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं. कहा जाता है इस दीन रात में तारों की छांव में पूजा होती है और पूजा के बाद इस आरती को गाया जाता है जिससे माँ कहसह हो जाती हैं. तो आइए जानते हैं अहोई अष्टमी व्रत की आरती.
अहोई अष्टमी व्रत की आरती :
जय अहोई माता, जय अहोई माता!
तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता. टेक..
ब्राह्मणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता.
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता.. जय..
माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता..
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जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता.. जय..
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता.
कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता.. जय..
जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता..
कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता.. जय..
तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता.
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता.. जय..
शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता.
रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता.. जय..
श्री अहोई मां की आरती जो कोई गाता.
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता..
ये है शुभ पूजा मुहूर्त -
पूजा का समय- 21 अक्टूबर 2019 को शाम 05:45 बजे से 07:02 बजे तक
इस साल तारों के दिखने का समय- शाम 06:10 बजे
चंद्रोदय- 21 अक्तूबर 2019 को रात्रि 11:46
अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 21 अक्तूबर 2019 को प्रातः 6:44 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त- 22 अक्तूबर 2019 को प्रातः 5:25 बजे
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