हवा के बाद अब दिल्ली के पानी में घुला 'जहर', यमुना घाटों पर फिर दिखा झाग
हवा के बाद अब दिल्ली के पानी में घुला 'जहर', यमुना घाटों पर फिर दिखा झाग
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नई दिल्ली: दिवाली के 2 दिन पश्चात् भी दिल्ली बीमार है। प्रदूषण से हाल-बेहाल है। स्विस कंपनी आईक्यूएयर के अनुसार, सोमवार को दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर था। इस बीच दिल्ली की एक और चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है, जो ये बयां कर रही है कि पहले केवल हवा ही खराब थी मगर अब पानी भी जहरीला हो गया है। वजह, यमुना घाटों पर फिर जहरीला झाग नजर आने लगा है। इसके चलते छठ मनाने वाले भक्तों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। वहीं अब इसको लेकर राजनीति भी आरम्भ हो गई है।

वही ऐसा पहली बार नहीं है जब छठ पर्व से पहले यमुना में झाग दिखाई दिए हैं। प्रत्येक वर्ष यही हालात रहते हैं तथा दिल्ली सरकार के तमाम दावे धरे के धरे रह दाते हैं। इस वर्ष भी एक ओर छठ पूजा के लिए जोर-शोर से तैयारियां चल रह हैं। घाट सजाए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस जहरीले झाग ने भक्तों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। ये स्थिति तब हैं जब केजरीवाल सरकार ने यमुना की सफाई के लिए अतिरिक्त बजट भी जारी किया है।  दरअसल, यमुना के पानी में डिटरजेंट की मात्रा सीवेज से या फिर इंडस्ट्री से निकलने वाले कचरे से आती है। इसके चलते ही नदी में झाग बनता है। इंडस्ट्री से निकला कचरा भले ही कम हो, मगर सीवेज से निकले कचरे से अधिक खतरनाक होता है। 'यमुना जिए' अभियान के कन्वीनर मनोज मिश्र ने मार्च में बताया था कि अधिकतर सरकारों का ध्यान महज सीवेज ट्रीटमेंट प्लान बनाने पर रहता है, जबकि यमुना के पानी में Industrial Effluent यानी इंडस्ट्री से निकलने वाला लिक्विड कचरा अधिक गिरने के कारण यमुना के पानी में झाग बनता है। हालांकि दिल्ली सरकार निंरतर आरोप लगाती रही है कि हरियाणा की फैक्ट्री से निकलने वाले पानी से भी यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ रहा है। वहीं अब इसको लेकर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने भाजपा एवं आम आदमी पार्टी पर हमला बोला है। 

उन्होंने कहा कि आज पूर्वांचल के लोगों को दोनों सरकारों ने अपने गांव वापस जाने के लिए विवश कर दिया है। आनंद विहार हो या नई दिल्ली, भारी भीड़ छठ पर्व मनाने के लिए अपने गांव वापस जा रही है। क्योंकि  सरकार ने यमुना की सफाई को लेकर कुछ नहीं किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि एक पत्र तक दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार को नहीं लिखा कि यमुना में पानी छोड़ा जाए। छठ का त्यौहार आते ही एक पार्टी यमुना में बोट चलाती दिखाई देती है तथा दूसरी सफाई करती हुई। मगर छठ पर्व के बीच में पूरा साल भर का समय होता है, तब ये सरकारें काम नहीं करती। बता दें कि 17 से 20 नवंबर तक छठ का पर्व मनाया जाएगा। इसको लेकर बीते महीने दिल्ली जल बोर्ड ने दावा किया था कि यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए तैयारियां पूरी की गई हैं। दिल्ली के कुल 250 वॉर्ड में हर एक को 40 हजार रुपये देने का दावा भी किया गया था, जिससे तैयारियों में किसी तरह की कमी दिखाई ना दे। यमुना का पानी जहरीला ना हो और जगह जगह झाग ना तैरें, ऐसे में यमुना में कालोनियों से निकलने वाले नाले न गिरें उन पर नजर रखने के साथ ही, एसटीपी की क्षमता को बढ़ाए जाने की बात भी कही गई थी।

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