हैदराबाद : मैगी नूडल्स और कुछ अन्य पैकेज्ड फूड्स में घातक रसायन पाए जाने के बाद अब एक और बड़ी खाद्य पदार्थ निर्माता कंपनी KFC के पांच सैम्पल्स में रोग संक्रामक बैक्टीरिया पाये गए हैं । तेलंगाना की स्टेट फूड लेबोरेटरी में हैदराबाद में हुई जांच में यह बात सामने आई है कि इनमें ई-कोली और साल्मोनेला जैसे पेथोजन्स पाये गए हैं। इस रिपोर्ट पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए केएफसी ने रिपोर्ट को गलत बताते हुए इस मामले में जिम्मेदारों से सर्टिफिकेशन की मांग की है।
एक गैर सरकारी संस्था ‘बलाला हकुला संघम’ की मांग पर जब लैब ने जांच की तो कंपनी के खाद्य पदार्थों को असुरक्षित पाया । एनजीओ की अध्यक्ष अनुराधा राव के मुताबिक, “हमने केएफसी के पांच अलग आउटलेट्स से फ्रायड चिकन के सैम्पल्स लिये थे और अगले एक घंटे में लैब में जांच के लिए भेज दिये थे” ।
एसएफएल लैब की रिपोर्ट के अनुसार, सैम्पल्स में ई-कोली और साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया पाए गए हैं। यह रिपोर्ट एनजीओ संघम द्वारा प्रस्तुत की गई है और इस पर फूड एनालिस्ट एवी कृष्णाकुमारी के हस्ताक्षर है । उनकी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है, “मेंरा यह मत है कि जो सैम्पल लिए गए हैं उनमें ई-कोली और सल्मोनेला पाए गए जो कि पेथेजेन्स हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। इसलिए ये असुरिक्षत हैं”।
मामला मीडिया में आने पर केएफसी के प्रवक्ता ने सफाई देते हुए कहा कि, 'यह रिपोर्ट एक आरोप है । हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि हमारे किसी भी आउटलेट से सैम्पल्स लिए गए हैं । यह खराब होने वाले खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें तत्काल उपयोग के लिए बनाया जाता है ।' प्रवक्ता ने यह भी कहा कि उन्हें इस मामले में किसी भी अधिकारी से कोई सूचना नहीं मिली है । यह दावा भी किया कि ‘किसी भी हालत में 170 डिग्री पर बने हमारे फूड प्रोडक्ट्स में इस तरह के बैक्टेरिया के होने की संभावना नहीं है । यह हमारी ब्रांड ईमेज को खराब करने की कोशिश है।'