आखिर क्यों गाजा पट्टी को कहा जाता है 'पृथ्वी का नर्क'?
आखिर क्यों गाजा पट्टी को कहा जाता है 'पृथ्वी का नर्क'?
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4 दिन पहले फिलिस्तीनी संगठन हमास ने गाजा पट्टी की ओर से इजराइल पर घातक हमले किए तत्पश्चात, हमास और इजरायल के बीच में युद्ध के हालात बने हुए है. हमले के फौरन पश्चात् इजराइल ने इसे युद्ध का कार्य मानते हुए हमास के खिलाफ जंग की घोषणा की तथा इन हालात ने एक बार फिर इजराइल फिलिस्तीनी संघर्ष को दुनिया के सामने ला दिया है जिसमें सबसे अधिक चर्चा गाजा पट्टी की हो रही है जो इस वक़्त युद्ध का केंद्र बना हुआ है. गाजा पट्टी इजराइल तथा भूमध्यसाग के बीच एक पट्टीनुमान क्षेत्र है जिसे फिलिस्तीन का हिस्सा माना जाता है. कई बार इसे पृथ्वी का नर्क भी कहा जाता है. इसके पीछे कुछ विशेष कारण हैं. शनिवार को हुए हमले के दो दिन पश्चात् इजरायली सेना ने गाजा पट्टी को घेल कर वहां खाद्य तथा अन्य आपूर्ति को रोक दिया और बुधवार तक पट्टी की सीमा पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कनरे का दावा किया है. इससे गाजा पट्टी में रहने वाले लोगों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.

एक नहीं कई नाम हैं ऐसे:-
गाजा पट्टी को अक्सर मानवाधिकार संगठनों द्वारा "खुली हवा वाली जेल" के रूप में संदर्भित किया जाता है, और हाल की घटनाओं ने क्षेत्र में गंभीर स्थितियों को बढ़ा दिया है। 2021 की शुरुआत में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा पट्टी की स्थिति को "पृथ्वी पर नर्क" बताया था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार यह दुनिया की सबसे गरीब स्थानों में से एक है।

क्या है गाजा पट्टी?
गाजा पट्टी भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित फिलिस्तीन के दो भिन्न- भिन्न इलाकों में से छोटा इलाका है जिसके दक्षिण पश्चिम में मिस्र एवं पूर्व एवं उत्तर में इजरायल है. इस पट्टी की लंबाई लगभग 41 किलोमीटर और चौड़ाई सिर्फ 6 से 12 किलोमीटर की है. किन्तु यहां की आबादी 20 लाख की है जिससे यह दुनिया के सबसे घने इलाके में शुमार होता है.

बेरोजगारी:-
गाजा पट्टी एवं वेस्ट बैंक यानी कि पश्चिमी किनारा  ही मिल कर फिलिस्तान बनाते हैं. दोनों क्षेत्रों के बीच में इजराइल पड़ता है. गाजा पट्टी में मनुष्यों के हालात बहुत ही खराब माने जाते हैं, विश्व बैंक की बीते महीने की रिपोर्ट के अनुसार, यहां पर बेरोजगारी की दर 46 प्रतिशत एवं युवा बेरोजगारी की दर लगभग 60 प्रतिशत तक है वहीं इजराइल में बेरोजगारी की दर अमेरिका की भांति 4 प्रतिशत है.

नहीं मिल पाता है जरूरी भोजन:-
गाजा पट्टी की खस्ताहाल आर्थिक स्थिति के कारण यहां खाद्य एवं दवाओं जैसे आवश्यक सामानों की कमी देखने को मिलती है. अगस्त में संयुक्त राष्ट्र की रिलीफ एंड वर्क एजेंसी के अनुसार, यहां हर 5 में से 3 लोग खाद्य असुरक्षा से परेशान हैं जिससे उन्हें ना तो पर्याप्त खाना प्राप्त हो पाता है तथा ना ही वे सेहतमंद जीवन जी पाते हैं.

सुविधाओं की कमी:-
गाजा पट्टी अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सुविधाओं से ग्रस्त है। लोग बार-बार बीमार पड़ते हैं, लेकिन अक्सर पर्याप्त चिकित्सा देखभाल तक उनकी पहुंच नहीं होती है। गंभीर बीमारियों के लिए अक्सर रोगियों को दूसरे देशों में इलाज कराना पड़ता है, जो अधिकांश निवासियों के लिए आर्थिक रूप से संभव नहीं है।

2007 में जब फिलिस्तीन में हमास सत्ता में आया तो गाजा पट्टी की स्थिति बहुत खराब हो गई, जिसकी वजह से इजरायल और मिस्र दोनों ने सीमाएं सील कर दीं। इससे गाजा में लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। 2020 की संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे अगले दशक में 16.7 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ तथा क्षेत्र में गरीबी चार गुना बढ़ गई। संक्षेप में, गाजा पट्टी गंभीर आर्थिक कठिनाइयों, उच्च बेरोजगारी दर, आवश्यक आपूर्ति की कमी और अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं वाला क्षेत्र है। हालिया संघर्ष ने इन चुनौतियों को और बढ़ा दिया है, जिससे यह मानवीय संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए गहरी चिंता का क्षेत्र बन गया है।

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