अडानी की कंपनियों में 20 हज़ार करोड़ किसके हैं ? आख़िरकार मिल ही गया जवाब
अडानी की कंपनियों में 20 हज़ार करोड़ किसके हैं ? आख़िरकार मिल ही गया जवाब
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नई दिल्ली: अडानी की कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपए किसके हैं ? पीएम नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए कांग्रेस बीते कई दिनों से यह सवाल उठा रही है, पार्टी का ट्विटर हैंडल भी इसी तरह के ट्वीट्स से भरा पड़ा है। अब खुद अडानी समूह ने 20 हज़ार करोड़ के निवेश को लेकर मचे घमासान के बीच पिछले 4 वर्षों का पूरा हिसाब सार्वजनिक कर दिया है। अडानी समूह द्वारा जारी किए गए इन आँकड़ों को कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। इतना ही नहीं, अडानी समूह ने ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ की उस रिपोर्ट को भी झूठा बताया है, जिसमें विदेशी निवेश (FDI) को लेकर उस पर इल्जाम लगाए गए थे।

दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गाँधी अडानी समूह की आमदनी को लेकर निरंतर सवाल उठाते रहे हैं। इसको लेकर वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर भी निशाना साधते रहे हैं। मगर, अब अडानी समूह ने रविवार (10 अप्रैल) को वर्ष 2019 से लेकर अब तक का पूरा हिसाब-किताब सार्वजनिक कर दिया है। अडानी समूह की तरफ से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि वर्ष 2019 से अब तक समूह की कंपनियों ने अपनी हिस्सेदारी बेचकर 2.87 बिलियन डॉलर, यानी 23525 करोड़ रुपए एकत्रित किए हैं। इसमें से 2.55 बिलियन डॉलर, यानी 20902 करोड़ रुपयों को पुनः कारोबार में लगा दिया गया।

अडानी ग्रुप के बयान को विस्तार से देखें, तो इसमें स्पष्ट रूप से कंपनियों का नाम बताते हुए कहा गया है कि अबु धाबी स्थित ग्लोबल स्ट्रैटेजिक इनवेस्टमेंट कंपनी और इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी जैसे निवेशकों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों (अडानी इंटरप्राइजेस लिमिटेड और अडानी एनर्जी लिमिटेड) में 2.593 बिलियन डॉलर यानी 21255 करोड़ रुपए का निवेश किया। कंपनी के प्रमोटर्स ने अडानी टोटल गैस लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की हिस्सेदारी बेचकर 2.783 अरब डॉलर यानी लगभग 22812 करोड़ रुपए एकत्रित किए। अडानी ग्रुप ने आगे बताया है कि इन पैसों को अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी पावर लिमिटेड जैसी पोर्टफोलियो कंपनियों में फिर से कारोबार के लिए लगाया गया है।

फाइनेंसियल टाइम्स को अडानी ग्रुप का खुला पत्र:-

बता दें कि, ब्रिटेन के मीडिया संस्थान ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने अडानी समूह को लेकर एक रिपोर्ट छापी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 'अडानी ग्रुप को जो विदेश निवेश (FDI) प्राप्त हुआ है, इसमें से ज्यादातर गौतम अडानी के परिवार से संबंधित विदेशी कंपनियों से आए हैं। विदेशी कंपनियों ने अडानी समूह की कंपनियों में वर्ष 2017 से 2022 के दौरान कम से कम 2.6 बिलियन डॉलर यानी लगभग 21334 करोड़ रुपए निवेश किए हैं। यह रकम अडानी समूह को मिले कुल 5.7 बिलियन डॉलर के FDI का 45.4 फीसद है।' इस रिपोर्ट को लेकर अडानी समूह ने कहा है कि फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में जिस निवेशों के संबंध में जानकारी दी गई है, उनके संबंध में 28 जनवरी 2021 और 23 जनवरी 2021 को पहले ही जानकारी सार्वजनिक की जा चुकी है।

इतना ही नहीं अडानी ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स को एक पत्र लिखते हुए अपनी रिपोर्ट डिलीट करने को भी कहा है। इस पत्र में लिखा गया है कि, 'अडानी समूह के खिलाफ नकारात्मक नैरिटव गढ़ा जा रहा है। जिस प्रकार की रिपोर्ट छापी गई है, उससे अडानी समूह की इमेज को बहुत ठेस पहुँची है और यह एक सियासी मुद्दा बन गया। इस रिपोर्ट को फ़ौरन हटाया जाए। हमें लगता है कि अडानी को बर्बाद करने का कॉम्पिटिशन अच्छा हो सकता है, मगर हम नियमों का पूरी तरह से पालन करते हैं। हम कंपनी के मालिकों व इसमें आ रहे निवेश को लेकर कोई भी बात अंधेरे में नहीं रखना चाहते।'

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