कोरोना से घातक साबित हुई गरीबी, पैदल चलते-चलते 12 वर्षीय मासूम ने तोड़ा दम
कोरोना से घातक साबित हुई गरीबी, पैदल चलते-चलते 12 वर्षीय मासूम ने तोड़ा दम
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बीजापुर: देश भर में जारी लॉकडाउन कि वजह से मजदूरों का रोजगार छिन गया है. ऐसे में शहरों में खाने-पीने और रहने का ठिकाना न होने के कारण मजदूर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल गए हैं. मुंबई के बांद्रा में मजदूरों पर हुए लाठीचार्ज की घटना को अभी तक हम भूल भी नहीं पाए थे कि आज एक ऐसी घटना प्रकाश में आई है जिसने अंदर तक झकझोर कर रख दिया है. 

दरअसल, तेलंगाना से अपने घर छत्तीसगढ़ के बीजापुर लौट रही एक 12 वर्षीय मासूम बच्ची ने गांव पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया. कड़ी धूप और खून जलाती गर्मी में शरीर में पानी की कमी के चलते उसकी दर्दनाक मौत हो गई. घटना बीते शुक्रवार की है किन्तु मामला अब प्रकाश में आया है.  समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के अनुसार, 12 साल की बच्ची जमलो मकदम तेलंगाना के कन्नईगुडा में मिर्च के खेतों में मजदूरी करती थी. 

15 अप्रैल से लॉकडाउन का दूसरा चरण शुरू होने के बाद उसके साथ काम करने वाले अन्य मजदूरों ने अपने गांव लौटने का निर्णय लिया. 11 लोगों के समूह के साथ बच्ची पैदल ही अपने घर की तरफ निकल पड़ी. तीन दिन तक पैदल चलने के बाद उसने 150 किलोमीटर का सफर तय कर लिया. लेकिन 18 अप्रैल की सुबह घर पहुंचने के 50 किलोमीटर पहले ही बीजापुर के भंडारपाल गांव के पास बच्ची ने दम तोड़ दिया.

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