आखिर क्यों? वैज्ञानिक भी इस अंगूठी को मानते है चमत्कारी
आखिर क्यों? वैज्ञानिक भी इस अंगूठी को मानते है चमत्कारी
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फेंगशुई में बहुत सी वस्तुए है जिनका इस्तेमाल करने से हमारे जीवन में सुख सम्रद्धि आती है और बहुत सी वस्तुएं है जिनको धारण करने पर वह हमारे किस्मत के द्वार खोलती है. कई वस्तुओं को सुख सम्रद्धि का प्रतीक माना जाता है ऐसी वस्तु है कछुए की अंगूठी जिसके बारे में हम आज आपको बताएँगे और इस अंगूठी से आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है इसकी चर्चा करेंगे. हिन्दू पौराणिक कथा अनुसार सागर मंथन के समय भगवान् विष्णु ने कछुए का अवतार लेकर समुद्र मंथन में देव दानव दोनों की मदद की थी.इसलिए इसे भगवान् विष्णु का प्रतीक भी माना जाता है कछुए को कई सद्गुणों का प्रतीक भी मानते है जैसे निरंतरता, शांति और धेर्य.

वैज्ञानिको के अनुसार कछुऐ की आयु अन्य जीवो से अधिक होती है इसलिए इसकी अंगूठी पहनने के पीछे धारणा है की इसे धारण करने वाला व्यक्ति स्वस्थ और दीर्घायु होता है तथा उसके जीवन में धन वैभव की कमी नहीं होती. किन्तु इसे धारण करने के पहले और धारण करने के बाद कुछ नियमो का पालन करना जरुरी है तो आइये जानते है की वह नियम क्या है.

अगर आप चाहते है की कछुए की अंगूठी आपके जीवन में प्राभावशाली हो तो इसे अष्ट धातु से बनवाकर पहने या बाज़ार से अष्ट धातु की अंगूठी ख़रीदे. अगर आपने इस अंगूठी को धारण करने का मन बना लिया है तो इसे शुक्रवार के दिन संध्या काल में माता लक्ष्मी जी की पूजा कर अंगूठी को शुद्ध करके,मन में अपनी कामना कर धारण करना चाहिए. इस अंगूठी को धारण करने से पहले देख ले की कछुए का सिर आपकी तरफ हो. इस अंगूठी को आप अपनी मध्यमा ऊँगली में ही धारण करे. और जब भी आप किसी दूषित जगह पर जाये तो वहाँ से आने के बाद अंगूठी को स्वच्छ जल में पवित्र करके पुनः धारण करे.

 

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