नई दिल्ली : सर्वोच्च अदालत इशरत जहां एनकाउंटर केस के साथ अन्य लोगों के एनकाउंटर के मामले की सुनवाई 11 मार्च को करेगा। कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में स्पष्ट रुप से कहा गया है कि हलफनामा बदलने के लिए पूर्व वित मंत्री पी चिदंबरम और गृह सचिव जी के पिल्लै के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलाया जाएगा।
याचिका में यह भी मांग की गई है कि गुजरात पुलिस के आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे को खारिज किया जाए। इतना ही नहीं उन आरोपी पुलिस अधिकारियों को पुरस्कृत करने की भी मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि हेडली के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि इशरत एक आतंकी थी।
यह याचिका अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने दाखिल की है। लेकिन इस पूरी याचिका में कहीं भी चिदंबरम और पिल्लै का नाम दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि मामला इन्हीं दोनों से जुड़ा हुआ है। यह पूरा विवाद पिल्लै के बयान के बाद से ही शुरु हुआ। पिल्लै ने ही कहा ता कि हलफनामे में बदलाव चिदंबरम ने किया था।