मोदी सरकार के संवेदनशील और अहम दस्तावेज लीक
मोदी सरकार के संवेदनशील और अहम दस्तावेज लीक
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नई दिल्ली: 3600 करोड़ रुपये के अगस्‍ता वेस्‍टलैंड चॉपर सौदे के मामले में मोदी सरकार की परेशानी बढ़ गई है. सरकार के संवेदनशील विभागों आैर संस्थानों से अहम दस्तावेज लीक हो रहे है. इन दस्तावेजों के आधार पर अदालतों में याचिका दायर की जा रही है. इस मामले को लेकर गुरुवार को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोर्ट में सरकार ने असंतुष्ट अधिकारियों पर दस्तावेज लीक करने का आरोप लगाया है. सरकार की गुहार पर कोर्ट ने इस मामले पर विचार करने का फैसला किया है. 

सरकार ने कोर्ट के समक्ष कहा कि सीबीआई, कैबिनेट नोट सहित कई संवेदनशील व अहम दस्तावेज के आधार पर जनहित याचिका दायर करना बेहद गंभीर मसला है. उसने कहा कि चूंकि ये तमाम जानकारियां जो सूचना के अधिकार के दायरे में नहीं हैं, लिहाजा इन दस्तावेज के आधार पर जनहित याचिका दाखिल करने की प्रथा पर विराम लगना चाहिए.

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि इसमें कुछ ‘असंतुष्ट सरकारी अधिकारियों द्वारा कुछ संवेदनशील और संरक्षित दस्तावेजों को निजी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है और इनके आधार पर याचिकाएं दायर की जा रही हैं.

इस पर पीठ ने सवाल किया है कि क्या आपने इस संबंध में किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सरकार इसे लेकर काफी गंभीर है. इतना ही नहीं सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियां भी संवेदनशील दस्तावेज को संरक्षित करने में नाकाम हो रही हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि इतना कड़ी सुरक्षा के बावजूद जब सरकारी दस्तावेज तक सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या हाल होगा?

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