किसान आंदोलन को दबाने में लगी सरकार
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दिल्ली : एक बार फिर किसान सड़क पर है देश में राष्ट्रीय किसान महासंघ संगठन ने आज दिल्ली घेराव का मन बना लिया था मगर किसान नेता और उनके समर्थकों को हिरासत में लेने का काम भी पुलिस ने पहले ही शुरू कर दिया . देशभर के 65 किसान संगठन आंदोलन करते हुए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के किसान ट्रैक्टर ट्रालियों से दिल्ली का घेराव करने वाले थे, लेकिन उन्हें दिल्ली पहुंचने के पहले ही रोक दिया गया. कश्मीर से भी इस बार किसान आये है, कश्मीर किसान फोरम के सदस्य हामिद मलिक ने बताया कि, "1990 से जम्मू कश्मीर का किसान अलगाववादी आंदोलनों के कारण पिछड़ता रहा है. किसानों से जुड़े जरूरी मुद्दे अब तक नहीं उठे. देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले जम्मू कश्मीर में खेती अलग होती है. यहां मांगे अलग हैं, जो सरकार के सामने रखना बेहद जरूरी है."

हामिद ने आगे बताया कि जम्मू कश्मीर के किसान कर्ज माफ़ी , एमएसपी के अलावा सेब, अखरोड़, जाफरान जैसी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग कर रहे हैं. क्योंकि यह तीनों फसलें जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा होती है. इसके अलावा सरकारी मंडियां खोलने की भी मांग जम्मू कश्मीर में हो रही है. किसान सभा के कोषाध्यक्ष गुरुचरण सिंह मोड ने कहा कि आपातकाल जैसा दौर चल रहा है. किसानों की बात सरकार सुनना तक नहीं चाहती. सरकार ने हमारे कार्यालय समेत पूरे प्रदेश को छावनी में बदल दिया. किसान सड़कों पर सो रहे हैं. सरकार को औरतों पर भी रहम नहीं है.

वही मामले पर कार्यवाही कर रही हरियाणा पुलिस की आईजी ममता सिंह के मुताबिक, राज्य में जरूरत के मुताबिक पैरामिलिट्री फोर्स की 25 कंपनियां तैनात कर दी गई हैं जबकि हरियाणा पुलिस फोर्स भी जरूरत के मुताबिक तैनात की जा चुकी है.

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