राजनैतिक सफर के दौरान जेल का सफर कर चुके राजनेता
राजनैतिक सफर के दौरान जेल का सफर कर चुके राजनेता
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हमारे देश में राजनेताओं पर आरोप तो लगते ही रहते है. लेकिन क्या इन नेताओं पर कभी कोई कार्यवाही हुई है, क्या इन्हे कभी सजा सुनाई गयी है? तो आज हम आपको बताएँगे कुछ ऐसे नेताओं के बारे में उन्हें दोषी पाए जाने पर न्यायलय द्वारा सज़ा भी सुनाई गयी है. जिसमे से कुछ नेता अपनी सजा ख़त्म कर रिहा हो गए और कुछ आज भी अपनी सजा जेल में रहकर काट रहे है.

1) लालू प्रसाद यादव 

 जब भी कभी हम बिहार का नाम सुनते है, तो एक नाम अपने आप हमारे दिमाग में आता है , वो है  लालू प्रसाद यादव. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और लोक सभा में बिहार से सांसद रह चुके लालू प्रसाद यादव का नाम हमेशा विवादों से घिरा रहता है. आपको बता दे बिहार में बहुचर्चित चारा घोटाला में लालू प्रसाद यादव पर मुख्य आरोपी होने का आरोप लगा और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मामले में दोषी पाते हुए 5  साल के लिए कैद और पच्चीस हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. जिसके बाद 2  माह की सज़ा कटाने के बाद लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिल गयी. परन्तु इस घोटाले के परिणामस्वरूप लालू प्रसाद की लोकसभा से सदस्यता को ख़त्म कर दिया गया. साथ ही आपको बता दे लालू प्रसाद यादव अब 11  सालो तक लोक सभा चुनाव नहीं लड़ सकते है.  और वह पहले ऐसे सांसद है , जिन्हे संसद की सदस्यता से निष्काषित किया गया.

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2) लक्ष्मीकांत शर्मा 

मध्य प्रदेश राज्य से पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा पर भी एक बहुचर्चित घोटाला करने का आरोप लगा और सिद्ध भी हुआ. आप सभी मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले के बारे में जानते ही होंगे. जिसमे  राज्य के शैक्षणिक संस्था की परीक्षाएं और कई सरकारी नौकरियों की प्रवेश परीक्षा  में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया. जिसमे मुख्य रूप से लक्ष्मीकांत शर्मा के साथ और भी कई नेताओं का नाम आया. जिसपर कोर्ट ने लक्ष्मीकांत को सजा सुनाई.

3) पप्पू यादव 

बिहार के ख्यातनाम नेता राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने राजनीति में पैर निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक पद पर रखा. आपको बता दे कि पप्पू यादव पर कई आपराधिक मामले दर्ज है. लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक अजित सरकार के हत्याकांड में नाम आने के बाद पप्पू यादव सुर्खियों में आ गए. वही सीबीआई की विशेष अदालत ने पप्पू यादव और उनके कुछ साथियों को मामले में दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जिसके बाद पप्पू यादव को सिक्किम की जेल में रखा गया . वही अपनी राजनैतिक पकड़ के चलते सिक्किम जेल से पटना की बेऊर जेल लाया गया. जहा से उन्हें पटना हाईकोर्ट द्वारा रिहा किया गया. 

4) ए. राजा 

ए. राजा पूर्व दूर संचार मंत्री रह चुके है. लेकिन ए. राजा पर देश के सबसे बड़े 2 जी घोटाले का आरोप लगाया गया. कैग द्वारा स्पेक्ट्रम आवंटन से जुडी कई बातो पर गौर कर सवाल उठाये गए. वही इस घोटाले में भारत सरकार को 1 लाख 76 हज़ार करोड़ का नुकसान हुआ. बल्कि इस आवंटन से सरकार को  1 लाख 76 हज़ार करोड़ का मुनाफ़ा होना चाहिए था. घोटाले की पूरी जाँच सीबीआई द्वारा की गयी थी. जिसके बाद मामले में दोषी पाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा ए. राजा को जेल भेज दिया गया. और साथ ही उन्हें अपने मंत्री पद से भी इस्तीफ़ा देना पड़ा. लेकिन 15 महीने बाद ए. राजा जेल से रिहा हो गए.

5) येदियुरप्पा

कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता येदियुरप्पा का अब तक का राजनैतिक सफर बहुत शानदार रहा. वे दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के पच्चीसवें मुख्यमंत्री और बीजेपी से कर्नाटक राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने. आपको बता दे कि अपने राजनैतिक सफर के दौरान येदियुरप्पा पर जमीन आबंटन में कथित तौर पर घोटाला करने का आरोप लगा.  वही आरोप सिद्ध होने के बाद येदियुरप्पा के गिरफ़्तारी के आदेश जारी हुए. और 15  अक्टूबर 2011 को उन्हें हिरासत में ले लिया गया. वही जेल में लगातार बीमारी के चलते उन्हें 25  दिन जेल में रखने के बाद रिहा कर दिया. वर्तमान में बीए येदियुरप्पा दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष है.  

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6) महिपाल मदेरणा 

राजस्थान के पूर्व जल संसाधन मंत्री और कांग्रेस नेता महिपाल मदेरणा भंवरी हत्याकांड मे जेल में सज़ा काट रहे है. आपको बता दे कि महिपाल मदेरणा साल 2011 में लगातार चर्चा में बने रहे. कारण उनपर भंवरी देवी को अगवा कर हत्या का मामला दर्ज हुआ था. जिसके चलते सीबीआई द्वारा की गयी जाँच में मदेरणा को दोषी पाया गया. और कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए उन्हें जोधपुर जेल भेज दिया गया. जहां महिपाल मदेरणा अपनी सजा काट रहे है.

7) आर बालकृष्ण पिल्लई

केरल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष आर बालकृष्ण पिल्लई के राजनैतिक सफर में वह चर्चा में बने रहे. आपको बता दे कि केरल संसद में वे चार बार सांसद भी रहे. उनपर आपने कार्यकाल के दौरा कल्लाद डैम के निर्माण में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा. पिल्लई पर आरोप था कि उन्होंने अपने राजनैतिक पावर का गलत इस्तेमाल कर अपने परिचित  को डैम बनाने काम दिया. जिसके बाद मामले में करेला कोर्ट ने पिल्लई को दोषी ना पाते हुए उन्हें क्लीन चिट दे दी. लेकिन राज्यपाल द्वारा स्पेशल कोर्ट का गठन किया गया. जिसमे पिल्लई को दोषी करार किया गया. और उन्हें फरवरी 2011 में एक साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गयी. जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा उन्हें सजा से छूट देते हुए 1 नवंबर 2011  को रिहा कर दिया गया.     

                                    देश की जनता इन राजनेताओं को अपने सहयोग और विकास के लिए चुनती है. लेकिन यही नेता चुने जाने के बाद जनता के साथ विश्वासघात करते है. लेकिन दोषी पाए जाने के बाद कानून ने उन्हें उचित दंड भी दिया जिसकी सज़ा राजनेताओं ने जेल में काटी या काट रहे है.

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