छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ का शराब घोटाला, ED ने किया चौंकाने वाला खुलासा
छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ का शराब घोटाला, ED ने किया चौंकाने वाला खुलासा
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रायपुर: छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने 12 मई को आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि विशेष सचिव ने आबकारी नीति में परिवर्तन किया था, जिसके कारण 2 हजार करोड़ का घोटाला हुआ. प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया था. अरुण पति त्रिपाठी भारतीय दूरसंचार सेवा से हैं तथा पिछले 7 वर्षों से छत्तीसगढ़ सरकार के साथ काम कर रहे हैं. वह छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्प लिमिटेड (CSMCL) के प्रबंध निदेशक हैं तथा छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के विशेष सचिव का भी प्रभार संभाल रहे हैं. 

प्रवर्तन निदेशालय 2019 से 2022 के बीच हुए शराब घोटाले की तहकीकात कर रही है, जिसमें 4 तरीकों से भ्रष्टाचार किया गया था. 
* CSMCL द्वारा डिस्टिलरों से रिश्वत ली गई थी. 
* बेहिसाब कच्ची देशी शराब की बिक्री. 
* डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई जिससे उन्हें कार्टेल बनाने एवं बाजार में हिस्सेदारी तय करने की अनुमति प्राप्त हो सके. 
* एफएल-10ए लाइसेंस धारकों से कमीशन, जिन्हें विदेशी शराब खंड में भी पेश किया गया था. 

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा, "तहकीकात में पता चला है कि अरुण पति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर के आग्रह पर अपनी सीधी कार्रवाइयों के जरिए विभाग में भ्रष्टाचार को अधिकतम करने के लिए छत्तीसगढ़ की पूरी शराब व्यवस्था को भ्रष्ट कर दिया. उन्होंने अपने अन्य मददगारों के साथ षड्यंत्र में नीतिगत परिवर्तन किए तथा अनवर ढेबर के मददगारों को टेंडर दिए जिससे 4 तरीकों से अधिकतम लाभ लिया जा सके."  CSMCL के एक सीनियर ITS अफसर एवं और एमडी होने के बाद भी वह कथित रूप से किसी भी प्रदेश के आबकारी विभाग के कामकाज के लोकाचार के खिलाफ गए तथा बेहिसाब कच्ची शराब बेचने के लिए राज्य द्वारा संचालित दुकानों का उपयोग किया. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि इस मिलीभगत से प्रदेश को खजाने को भारी नुकसान हुआ तथा शराब सिंडिकेट को दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की आय हुई. इस लूट में उन्हें भी अच्छा खासा भाग प्राप्त हुआ. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित एवं त्रिलोक सिंह ढिल्लों को भी गिरफ्तार कर चुकी है. सभी को 19 मई तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया गया.  

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