160 साल पुराना है भारत में बजट का इतिहास, जानिए इससे जुड़े कुछ रोचक किस्से
160 साल पुराना है भारत में बजट का इतिहास, जानिए इससे जुड़े कुछ रोचक किस्से
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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेंगी. यह उनका चौथा बजट होगा. यह बजट कोरोना वायरस की तीसरी लहर के कहर के बीच आ रहा है, इस वजह से बजट के खास होने की उम्मीद की जा रही है. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में बजट का इतिहास 160 साल से भी अधिक पुराना है. बजट के इतिहास से कई दिलचस्प कहानियां जुड़ी हुईं हैं. 

1857 की क्रांति से भी है बजट का कनेक्शन :-

1857 की क्रांति से पहले हिंदुस्तान पर ईस्ट इंडिया कंपनी का राज था, जिसे कंपनी राज कहा जाता है. इसके बाद ब्रिटिश क्राउन ने भारत की कमान अपने हाथों में ले ली. उस वक़्त भारत आर्थिक संकटों का सामना कर रहा था, जिस वजह से ब्रिटिश सरकार ने नई योजनाएं तैयार की. भारत की इकॉनमी का लेखा-जोखा और आय-व्यय का हिसाब तय करने का काम दी इकोनॉमिस्ट (The Economist) अखबार की शुरुआत करने वाले अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन (James Wilson) को दिया गया. विल्सन ने 1860 में हिंदुस्तान का पहला बजट पेश किया. यहीं से देश में इनकम टैक्स की शुरुआत हुई. 

आजादी मिलने के बाद RK Shanmukham Chetty भारत के पहले वित्त मंत्री बने. उन्होंने 26 नवंबर 1947 को आजाद भारत का पहला बजट पेश किया. वे केवल 7 माह ही इस पद पर रहे. आजाद भारत के प्रथम बजट में कोई नया टैक्स प्रस्ताव नहीं था. उनके बाद John Mathai वित्त मंत्री बनाए गए. इनके कार्यकाल में 1949 के बजट में पहली दफा योजना आयोग और पंचवर्षीय योजना का उल्लेख हुआ. तीसरे वित्त मंत्री CD Deshmukh के कार्यकाल में  जब 1951 में बजट पेश हुआ तो पहली मर्तबा बजट हिन्दी में प्रिंटिंग हुई. उससे पहले तक भारत का बजट केवल अंग्रेजी में प्रिंट होता था.

इनके नाम दर्ज है सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड:-

मोरारजी देसाई उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं, जो CM से लेकर PM तक रहे हैं. वह कई वर्षों तक उप प्रधानमंत्री भी रहे हैं. इस दौरान उनके पास वित्त मंत्रालय का प्रभार काफी समय तक रहा. देसाई, जवाहर लाल नेहरू की सरकार में ही वित्त मंत्री बने थे और वह इंदिरा गांधी के वक़्त भी इस पर पद पर रहे थे. देसाई के नाम 10 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड दर्ज है. इनमें 8 पूर्ण बजट और 2 अंतरिम बजट शामिल हैं.

जब इंदिरा गांधी देश की PM बनी, तो लगभग 1 साल के लिए वित्त मंत्रालय का प्रभार उनके ही पास था. 16 जुलाई 1969 से 27 जून 1970 तक वित्त मंत्रालय का प्रभार इंदिरा ने अपने पास रखा. इस दौरान उन्होंने 1970 का बजट खुद ही संसद में पेश किया. इस प्रकार इंदिरा गांधी के नाम देश का बजट पेश करने वाली पहली महिला का रिकॉर्ड दर्ज है. उनके बाद भी लगभग 5 दशक तक किसी अन्य महिला को यह सौभाग्य नहीं मिला. अब इंदिरा गांधी के बाद निर्मला सीतारमण दूसरी महिला हैं, जो आम बजट पेश करने वाली हैं. हालांकि, निर्मला सीतारमण पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं 

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