नाव में सवार होकर सीरिया से ग्रीस जा रहे 16 लोग डूबे, बहस छिड़ी
नाव में सवार होकर सीरिया से ग्रीस जा रहे 16 लोग डूबे, बहस छिड़ी
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अंकारा : सीरिया से निकलकर यूरोप जा रहे एक परिवार के 3 साल का एलन कुर्दी उसके 5 साल के भाई और मां के साथ समंदर में डूब गया. ये लोग नाव से जा रहे थे इस नाव में 16 लोग सवार थे तभी नाव समुद्र में पलट गई. हादसे में एलन के पिता अब्दुल्ला बच गए. लेकिन इस हादसे के बाद वो खुद को संभल नहीं पा रहे हैं. उनका कहना है की मैंने अपने अपिवार को बचाने की कोशिश की, लेकिन हाथों से फिसलते गए और वो मेरे ही सामने समंदर में समा गए. मैं चाहता हूं कि पूरी दुनिया की नजर इस घटना पर जाए ताकि यह दोबारा किसी और के साथ न हो. बस यह आखिरी हो.'' बच्चे का शव तुर्की के मुख्य टूरिस्ट रिजॉर्ट के पास समुद्र तट पर मिला. तस्वीर के सामने आते ही पूरी दुनिया में इसको लेकर बहस छिड़ गई है.

3 साल का एलन कुर्दी कि तस्वीर कई अखबारों में भी प्रकाशित कि गई है इटली के समाचार पत्र ला-रिपब्लिका ने लिख कि ‘दुनिया को खामोश करती एक उदास तस्वीर’ वहीँ’ डेली मिरर ने इसे ‘असहनीय हकीकत’ बताया. इस घटना के बाद कई देशों की सरकारों के बीच भी बहस छिड़ी. जर्मनी ने कहा कि यूरोप के सभी देश रिफ्यूजियों को जगह देने से इनकार करने लगेंगे तो इससे ‘आइडिया ऑफ यूरोप’ ही खत्म हो जाएगा. ये बच्चा बच सकता था, यदि यूरोप के देश इन लोगों को शरण देने से इनकार नहीं करते. 

शरणार्थियों को मिलेगा कोटा 

जर्मनी और फ्रांस ने गुरुवार शाम एलान किया कि शरणार्थियों के लिए यूरोपीय देशों का कोटा तय किया जाएगा. मौजूदा नियम में भी ढील दी जाएगी। ताकि लोगों का आना आसान हो. UN रिपोर्ट के अनुसार एक साल में 1.60 लाख लोग समुद्र के रास्ते ग्रीस आए हैं. जनवरी से अब तक करीब 3 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. एलन की तस्वीर लेने वाले फोटोग्राफर निलुफेर देमीर ने कहा कि मैंने बच्चे को तट पर देखा ये मर चुका था इसके बाद मैंने तस्वीर लेने की सोची. ताकि दुनिया को बताया जा सके कि हालात कितने खराब हो चुके हैं.''

अब्दुल्ला ने बताया कि ''उन्होंने अपने परिवार को ग्रीस ले जाने के लिए तस्करों को २ बार पैसे दिए, लेकिन सफल नहीं हुए इसके बाद, हमने एक बोट पर सवार होकर ग्रीस पहुंचने की कोशिश की. लेकिन बोट के पानी में जाने के महज 4 मिनट बाद ही कैप्टन ने बताया कि वह डूबने वाली है. तेज लहरों की वजह से बोट पलट गई. हम अंधेरे में चीख रहे थे, लेकिन वहां मदद करने वाला कोई भी नहीं था."

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