याकूब को फांसी, इतिहास में पहली बार रात को खुला सुप्रीम कोर्ट
याकूब को फांसी, इतिहास में पहली बार रात को खुला सुप्रीम कोर्ट
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नागपुर : आखिरकार 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी हो ही गई. आज सुबह 7 बजे नागपुर जेल में याकूब को फांसी दी गई. इसके बाद जेल के अंदर ही डॉक्टरों ने शव का पोस्टमॉर्टम किया और अब अंडरटेकिंग लेने के बाद डेड बॉडी जेल प्रशासन याकूब के परिवार को सौंप देगा. याकूब ने अपनी आखिरी इच्छा में कहा कि बेटी, बीवी का ख्याल रखना, आखिरी उम्मीद - काश! चमत्कार हो जाए. याकूब की फांसी से पहले जेल के उपस्थित सभी लोगों के मोबाइल और अन्य गैजेट्स जब्त कर लिए गए थे .

जिस समय याकूब को फांसी दी गई उस समय कलेक्टर, जेल अधीक्षक, सीनियर जेलर, एसपी, जेल डीआईजी, एडीजी, मेडिकल अस्पताल के डीन व उनका दल समेत 20 उच्च स्तरीय अधिकारी जेल में मौजूद थे इसके अलावा फांसी यार्ड में 6 लोग भी वहां थे.

बॉडी लेने के लिए याकूब के दोनों भाई (सुलेमान और उस्मान) नागपुर की जेल पहुंचे हैं. याकूब की फांसी को लेकर गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस 10.30 बजे विधानसभा में बयान देंग. 

पहली बार रात को खुला सुप्रीम कोर्ट 

देश के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट रात को खुला रहा. कोर्ट में याकूब की फांसी पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट पहली बार रात 3:20 बजे लगी. सुनवाई डेढ़ घंटे तक चली इसके बाद जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने इस पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया. मिश्रा ने कहा कि याकूब को अपने बचाव के पर्याप्त मौके दिए गए. याचिका आज सुबह 5 बजे रद्द कर दी गई जिसके बाद याकूब को फांसी देने की प्रक्रिया पूरी की गई. जिस समय याकूब को फांसी दी गई उस समय वहां 6 पुलिस अफसरों की मौजूद थे.

याकूब के दोनों भाई (सुलेमान और उस्मान) बॉडी लेने के लिए नागपुर की जेल पहुंचे हैं. आज दोपहर 1 बजे तक एयर एंबुलेंस से याकूब का शव नागपुर से मुंबई एयरपोर्ट लाया जाएगा. मुंबई की मरीन लाइन्स में स्थित चंदनवाड़ी कब्रिस्तान में याकूब के शव को दफनाया जाएगा. पुलिस द्वारा सुरक्षा बढ़ा दी गई है और एहतियातन 430 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है.

नागपुर जेल के आसपास धारा 144 लगा दी गई है. वहीँ मुंबई में याकूब के घर के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है और मुंबई पुलिस के सभी जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. मुंबई पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रखे हुए है. IB ने महाराष्ट्र और आसपास के राज्यों में अलर्ट जारी किया है. 

जेल में याकूब को फांसी देते समय कलेक्टर, जेल अधीक्षक, सीनियर जेलर, एसपी, जेल डीआईजी, एडीजी, मेडिकल अस्पताल के डीन व उनका दल समेत 20 उच्च स्तरीय अधिकारी मौजूद थे. फांसी यार्ड में 6 लोग थे. उस वक्त जेल के अंदर की सारी व्यवस्था विशेष कमांडो और क्यूआरटी के कंधों पर थी.

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