कला के तौर पर मिली रंगमंच को पहचान, जानिए क्या है इतिहास?
कला के तौर पर मिली रंगमंच को पहचान, जानिए क्या है इतिहास?
Share:

वर्ल्ड थिएटर डे, दुनियाभर में 27 मार्च को मनाया जाता है। थिएटर से संबंधित लोग प्रत्येक वर्ष यह प्रयास करते हैं कि इस दिन को बहुत ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाए। इस दिन अलग-अलग स्थानों पर चैरिटी के लिए प्ले किए जाते हैं, थिएटर वर्कशॉप्स का आयोजन होता है तथा कई ऐसे कार्यक्रम होते हैं, जिनमें नाटकों के माध्यम से समाज तक थिएटर की अहमियत पहुंचाई जाती है।

रंगमंच आरम्भ से ही एक बड़ा परिवर्तन लाने तथा लोगों तक कोई बात पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण जरिया रहा है। नाटकों को लेकर माना जाता है कि यदि विचारों का आदान-प्रदान चलता रहे तो उससे किसी दिशा की ओर बढ़ा जा सकता है। इससे हम अपने समाज को उस तरफ ले जा सकते हैं, जहां हम इसे देखना चाहते हैं। इस चीज में थिएटर एक बेहद ही अहम किरदार निभाता है। वो इसलिए, क्योंकि थिएटर करने वाले तथा थिएटर देखने वालों के बीच नाटकों के माध्यम से एक गहरी बात होती है।

थिएटर की प्रथा कोई नयी नहीं है। इसका तो अपना एक भाव तथा प्रसिद्ध इतिहास रहा है। जब भी थिएटर के इतिहास की बात होती है, तो उसमें प्राचीन ग्रीस थिएटर की चर्चा आवश्यक होती है। प्राचीन ग्रीस थिएटर का आरम्भ छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। इन नाटकों की प्रवृति बहुत धार्मिक थी, इसलिए चाहे निर्धन हो या अमीर, हर कोई इन्हें देखने के लिए जाता था। प्राचीन ग्रीस थिएटर में लगभग 17 हजार व्यक्तियों के बैठने की क्षमता थी। यहां व्यक्ति ऐसे जाते थे, मानो वह चर्च में जा रहे हों। इन थिएटर में दो ही मूल भाव होते थे। एक ट्रेजेडी तथा दूसरा कॉमेडी। लोग बेहद ही चाव से इन्हें देखते थे।

अफगानिस्तान में हुए तालिबान के हमले में नौ पुलिसकर्मी की गई जान

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन का पीएम मोदी को आमंत्रण, अप्रैल में आयोजित होगा शिखर सम्मेलन

नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप: सुमित अंतिल ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर बनाया नया विश्व रिकॉर्ड

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -