आजादी की नींव रखने में महिला नेत्रियों का भी था योगदान
आजादी की नींव रखने में महिला नेत्रियों का भी था योगदान
Share:

दिल्ली : आज देश अपने 69 वें स्वाधीनता के बसंत को मना रहा है। इस दौरान देश स्वाधीनता के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले और इस देश के लोकतंत्र का आधार रखने वाले वीर क्रांतिकारियों और स्वाधीनता संग्राम सेनानियों को याद कर रहा है। उनके योगदान के लिए उन्हें नमन किया जा रहा है। इस दौरान भारत की स्वाधीनता में योगदान देने वाली महिलाओं को भी याद किया जा रहा है। जिसमें झांसी की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई, रानी चेनम्मा सरोजिनी नायडू और लक्ष्मी सहगल आदि वीरांगनाओं को भी नमन किया जा रहा है। 

रानी लक्ष्मीबाई बचपन से ही वीर थीं। उन्होंने शस्त्र संचालन का प्रशिक्षण लेने के साथ ही शास्त्र और राजनीति की शिक्षा भी ली थी। इनके गुरू तात्या टोपे कहे जाते हैं। इन्होंने अंग्रेजों से जीवन पर्यंत संघर्ष किया। इस दौरान रानी लक्ष्मीबाई ने 1857 के पहले स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों की दांत खट्टे कर दिए और अंग्रेजों को भी मानना पड़ा कि रानीलक्ष्मीबाई भी बहुत ही बहादुर थीं और अपनी प्रजा और झांसी के लिए अपने प्राणों का त्याग करने से भी पीछे नहीं हटती थीं।

कैप्टन लक्ष्मी सहगल ने भी देश की स्वतंत्रता को लेकर बहुत बड़ा योगदान दिया। इस दौरान 24 आॅक्टोबर 1914 में भारत की स्वतंत्रता को लेकर जमकर संघर्ष किया गया। आजाद हिंद फौज की वे पहली महिला नेत्री भी रहीं। उन्हें आजाद हिंद फौज के अधिकारी और आजाद हिंद सरकार में मिहिला मामलों का मंत्री पद भी दिया गया। दूसरी ओर स्वाधीनता की लड़ाई में योगदान देने वाली माताओं में कनकलता बरूआ का नाम भी बड़े सम्मान से लिया जाता है। असम मूल की इस महिला ने भारत छोड़े आंदोलन में भागीदारी की। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्होंने कोर्ट परिसर के साथ पुलिस स्टेशन पर देश का तिरंगा फहराया।

कनकलता बरूआ ने केवल 17 वर्ष की आयु में ही पुलिस स्टेशन पर तिरंगा फहराने का प्रयास किया। इस दौरान उन्होंने अपनी शहादत भी दी। इन महिलाओं में दुर्गा भाभी का भी बड़े सम्मान से नाम लिया जाता है। द फिलाॅसाॅफी आॅफ बम जैसे दस्तावेज तैयार करने वाले क्रांतिकारी भगवतीचरण वोहरा की पत्नी दुर्गा भाभी नाम से लोकप्रिय दुर्गादेवी बोहरा ने भी भगत सिंह को लाहौरजेल से छुड़वाने के प्रयास में बढ़चढ़कर भागीदारी की। 

वर्ष 1927 में लाला लाजपतराय की मौत का बदला लेने के लिए उन्होंने लाहौर में आयोजित की गई बैठक की अध्यक्षता की। दुर्गा भाभी ने अंग्रेज पुलिस अधीक्षक जेए स्काॅट को मारने की जिम्मेदारी लेने की बात भी की। दुर्गा भाभी ने ही मुंबई के तत्कालीन गवर्नर हेली को मारने की योजना बनाई।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -