चमोली: चमोली गढ़वाल-उत्तराखंड में अदभुत, कई रहस्यों को अपने में समेटे कई ऐसे मंदिर हैं और उनकी धार्मिक मान्यताएं भी अनूठी है. ऐसा ही एक मंदिर जनपद चमोली गढ़वाल की सीमा से सटे ब्लाक जोशीमठ के ऊर्गम घाटी में स्थित है. यहां पुरुष पुजारी के साथ ही महिला पुजारी भी भगवान की पूजा अर्चना और श्रृंगार का कार्य करती है.
ऊर्गम घाटी में समुद्र तल से लगभग दस हजार फीट की ऊचाईं पर स्थित फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट इस वर्ष 17 जुलाई को खुल रहे है. मान्यता है कि इस मंदिर में स्थानीय महिलाएं ही नारायण भगवान का श्रृंगार करती है. उर्गम घाटी घाटी जिसे कल्पक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है. पूरे जनपद में यह घाटी अपनी हरियाली और ऊपजाऊ भूमि के लिए मशहूर है. इस घाटी में ही पंचकेदार कल्पनाथ, सप्त बद्री और ध्यान बद्री का मंदिर स्थित है.
भगवान फ्यूंलानारायण के इस प्राचीन मंदिर के कपाट इस साल 17 जुलाई को 11 बजे खोले जाएंगे. इस मंदिर में भेंटा ग्राम के पूर्ण सिंह मंमगाई मुख्य पुजारी हैं. जबकि महिला पुजारी पार्वती कड्वाल हैं. इस मंदिर में महिला पुजारी ही भगवान नारायण का श्रृंगार करती है. लगभग डेढ महीने तक महिला पूजारी ही रंग बिरंगे फूलों से नारायण भगवान का श्रृंगार करती है. इस अनूठी परम्परा का निर्वहन सदियों से होता आ रहा है.
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