कामकाजी महिलाएं क्यों नहीं करती सेक्सुअल हरस्मेंट की शिकायत ?
कामकाजी महिलाएं क्यों नहीं करती सेक्सुअल हरस्मेंट की शिकायत ?
Share:

नई दिल्ली. ऑफिस में सेक्सुअल हरस्मेंट के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है. लेकिन ऐसे मामलों कि शिकायत दर्ज़ नहीं होने के कारण इस के सही आंकड़े नहीं मिल रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर हॉलीवुड एक्‍ट्रेस एलिसा मिलानो ने जिस #मी टू नाम की एक मुहीम चलाई जो अब पूरी दुनिया में फैल गई है.

इस अभियान के सामने आने ने  महिलाएं अपने साथ हुई यौन शोषण की घटनाओं के बारे में खुलकर बता रही हैं. भारत में भी इसकी सरगर्मी है. मशहूर कॉमेडियन मल्लिका दुआ ने भी बचपन में अपने साथ हुई यौन शोषण की बात सब को बताई.  

घर, सार्वजनिक स्थलों और ऑफिस में होने वाली यौन हिंसा से बचने के लिए सरकार लगातार नए-नए कानून बनाती जा रही है. लेकिन यौन हिंसा में कहीं कोई कमी नहीं आ रही. बल्कि महिलाएं कानूनों का प्रयोग भी पूरी तरह से नहीं कर पा रही हैं.

हमेश ये सुनने में आता है कि सेक्सुअल हरस्मेंट की पीड़िताओं पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डाला जाता है. अक्सर ही देखने में आता है कि यौन हिंसा के केस में पीड़िता अकेली पड़ जाती है. सेक्सुअल हरस्मेंट की शिकार लड़की या स्त्री समाज की नजरो में भी गिर जाती है. एक तरफ वह अपने साथ हुई हिंसा के कारण पीड़ित होती है, वही समाज में भी उनकी नकारात्मक छवि बनती है. ऐसे में यौन हिंसा को जगजाहिर करके उसके खिलाफ मुंह खोलना उसके लिए एक दूसरी तरह का अभिशाप बन जाता है. 

गौरतलब है की इस साल डीओपीटी ने यौन शोषण की शिकार महिलाओं को तीन महीने तक की सवेतन छुट्टी या पेड लीव देने की बात कही थी. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की एक रिपोर्ट बताती है कि 2014-2015 के बीच कार्य स्थल में होने वाली यौन हिंसा से जुड़े मामलों में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है.

 

जानिए, क्यों भड़के सचिन तेंदुलकर, ट्विटर पर निकाला गुस्सा

मां ने अपने दो बच्चों को ओवन में रखकर जलाया

छेड़छाड़ से परेशान होकर छात्रा ने दी जान

 

रिलेटेड टॉपिक्स
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -