1974 से 1998 तक 'परमाणु परिक्षण' क्यों नहीं कर पाया भारत ? कमलनाथ ने लीक की थी जानकारी - Wikileaks की रिपोर्ट में दावा
1974 से 1998 तक 'परमाणु परिक्षण' क्यों नहीं कर पाया भारत ? कमलनाथ ने लीक की थी जानकारी - Wikileaks की रिपोर्ट में दावा
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भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब चंद ही दिन शेष हैं, ऐसे में तमाम सियासी दलों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने का सिलसिला जारी है। इसी बीच 4 महीने पुरानी एक रिपोर्ट फिर से वायरल होने लगी है। इस रिपोर्ट में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ पर एक बड़ा सनसनीखेज आरोप लगा है। दरअसल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर परमाणु परीक्षण की जानकारी अमेरिका को लीक करने का आरोप लगाया गया है। 

 

सोशल मीडिया पर विकीलीक्स की रिपोर्ट के हवाले से कमलनाथ पर 1976 में अमेरिका को भारत की न्यूक्लियर डील की गोपनीय जानकारी देने का आरोप लगाया है। विकीलीक्स के 'पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ यूएस डिप्लोमेसी' के दस्तावेज को लेकर देश की राजनीति में तूफान सा आ गया है। विकीलीक्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत द्वारा न्यूक्लियर परीक्षण किए जाने से पहले ही कमलनाथ ने अमेरिकी दूतावास को इसकी जानकारी लीक कर दी थी। विकीलीक्स की ये पूरी रिपोर्ट उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध है, जिसमे पूर्व सीएम कमलनाथ का नाम लिखा हुआ है, जिसको लेकर भाजपा निशाना साध रही है 

इससे मध्य प्रदेश की राजनीति में भी हड़कंप मचा हुआ है। भाजपा का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी कमलनाथ ने देश को धोखा दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि, भारत ने अपना पहला परमाणु परिक्षण इंदिरा सरकार के दौरान 18 मई 1974 को किया था, लेकिन इसके बाद भारत कई वर्षों तक दूसरा परिक्षण नहीं कर सका। क्योंकि जब भी भारत सरकार ऐसा कुछ करने जाती थी, तो देश में से ही कोई इसकी जानकारी अमेरिका को लीक कर देता था और अंतर्राष्ट्रीय दबाव में भारत को अपना परिक्षण रोकना पड़ता था। भाजपा का कहना है कि, देश दूसरा परमाणु परिक्षण तब कर पाया, जब केंद्र में अटल जी की सरकार थी और पीएम वाजपेयी और मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम ने इस बात को बेहद गोपनीय रखा था। तब भारत ने 11 और 13 मई, 1998 को राजस्थान के पोरखरण परमाणु स्थल पर एक के बाद एक 5 परमाणु परीक्षण किये थे। इसके बाद जाकर अमेरिका को पता चला था कि, भारत ने सफलतापूर्वक परमाणु परिक्षण कर लिया है। अटल जी का कहना था कि, हम ये परिक्षण किसी पर हमला करने के लिए नहीं, बल्कि खुद को सुरक्षित रखने के लिए कर रहे हैं। 

 

भाजपा नेता कपिल मिश्रा कहते हैं कि, कई सालों तक देश को पता ही नहीं चला कि, वो कौन था, जो परमाणु परिक्षण की जानकारी विदेशों को लीक कर देता था। वे कहते हैं कि, अब जाकर विकीलीक्स ने अपनी एक रिपोर्ट में उस नेता का नाम बताया है, जो कि कमल नाथ है।भाजपा का कहना है कि चाहे 1984 के सिख विरोधी दंगे हों या यह खतरनाक खुलासा कमलनाथ ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया है। इसको लेकर भाजपा नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर यूजर्स कांग्रेस नेता कमलनाथ पर निशाना साध रहे हैं।

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