वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत को अल्पसंख्यकों खासकर 'मुस्लिमों' के अधिकार पर ज्ञान देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा है कि हिन्दू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए है। हालाँकि, आज मुस्लिमों पर भारत को ज्ञान दे रहे ओबामा वही व्यक्ति हैं, जिनके राष्ट्रपति रहते समय अमेरिका ने विश्व के सात मुस्लिम देशों पर 26000 से अधिक बम दागे थे। अमेरिकी सेना के इन हमलों में हजारों नहीं बल्कि लाखों मुसलमानों की जान गई थी, जिनमें ज्यादातर निर्दोष आम नागरिक थे। मजे की बात ये है कि, इस तबाही के बावजूद ओबामा को शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अब वही ओबामा भारत को अल्पसंख्यकों के अधिकार और सुरक्षा पर ज्ञान दे रहे हैं, वो भी उस समय जब पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा पर पहुंचे हुए हैं।
As President, Obama ordered bomb attacks in a dozen of Muslim countries, literally killing thousands of innocent Muslim women and kids
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 22, 2023
Same Obama is talking about Muslim rights in India
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दरअसल, ओबामा ने पीएम मोदी के व्हाइट हाउस में भव्य स्वागत के दौरान ही एक इंटरव्यू देते हुए पूरे विश्व के तानाशाहों का जिक्र किया। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेते हुए अपने कार्यकाल को याद किया। ओबामा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में उन्हें पूरे विश्व के ऐसे नेताओं से भी मुलाकात करना पड़ा, जिन्हें वो लोकतांत्रित नहीं मानते हैं। यही नहीं, ओबामा ने यह भी कहा कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन और अन्य क्षेत्रों पर पीएम मोदी के साथ कार्य किया है। मगर, उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के बारे में चिंता प्रकट करना भी कूटनीतिक वार्ता में शामिल होना चाहिए।
ओबामा ने आगे कहा कि हिन्दू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी है। ओबामा ने कहा कि यदि मेरी पीएम मोदी से बातचीत होती, जिन्हें मैं भली-भांति जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि अगर आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग होना आरम्भ कर देगा। और हमने देखा है कि जब इस तरह के बड़े आंतरिक संघर्ष होने लगते हैं, तो क्या होता है।
बता दें कि, ओबामा का कार्यकाल, ईरान के साथ परमाणु समझौता, क्यूबा के साथ राजनयिक संबंधों के आगाज़ के लिए याद किया जाता है। लेकिन, काफी कम लोग यह जानते हैं कि ओबामा ने अमेरिकी इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति की तुलना में लंबे समय तक युद्ध में शामिल रहने के बाद अपना पद छोड़ा था। उनके चार-चार वर्षों के निरंतर 2 कार्यकालों में अमेरिका दुनियाभर के कई मुस्लिम देशों में युद्ध में शामिल रहा। इसी के साथ ओबामा युद्धग्रस्त अमेरिका के 2 पूर्ण कार्यकाल तक सेवा करने वाले एकमात्र राष्ट्रपति भी हैं। ओबामा के कार्यकाल में ही अमेरिका ने ड्रोन हमलों को बड़े स्तर पर आरम्भ किया। ओबामा ने खुद ड्रोन हमलों की खूब वकालत की। उनके कार्यकाल में जॉर्ज डब्ल्यू बुश की तुलना में 10 गुना ज्यादा ड्रोन अटैक किए गए।
बता दें कि, ओबामा ने अपने कार्यकाल के दूसरे चरण में अफगानिस्तान और इराक में लड़ने वाले अमेरिकी सैनिकों की तादाद घटा दी थी, मगर उन्होंने पूरे विश्व में हवाई युद्ध और विशेष अभियान बलों के इस्तेमाल को तेजी से बढ़ाया। 2016 में अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज के कमांडो विश्व के 138 यानी 70 फीसदी देशों में तैनात थे। यह बुश प्रशासन के दिनों के बाद से 130 गुना की हैरान कर देने वाली वृद्धि थी। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन ने अमेरिका रक्षा विभाग के डेटा के मुताबिक, अकेले 2016 में ओबामा प्रशासन ने कम से कम 26,171 बम गिराए। इसका मतलब यह है कि अमेरिकी सेना ने रोज़ाना पूरे विश्व के 7 मुस्लिम देशों में 72 बम गिराए। अमेरिका के ये सभी हवाई हमले इस्लामी मुल्कों जैसे, सीरिया, इराक, अफगानिस्तान, लीबिया, यमन, सोमालिया और पाकिस्तान में किए गए थे। हालाँकि, इतना सब करने के बावजूद ओबामा भारत में मुस्लिमों की स्थिति पर ज्ञान दे रहे हैं, शायद वे नहीं जानते कि, भारत में मुस्लिमों को जितने अधिकार और आज़ादी है, उतने तो कई मुस्लिम मुल्कों में भी नहीं है।
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