कहाँ निकली बिना बैंड, बाजा के बारात
कहाँ निकली बिना बैंड, बाजा के बारात
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फिरोजाबाद : 21 वीं सदी में भी हमारे देश में जात-पात की दीवार टूटी नहीं है .छोटी सोच के कारण आज भी समाज में दलितों के साथ गलत व्यवहार होता है. ऐसा ही एक मामला यूपी के फिरोजाबाद इलाके का सामने आया है जिसमें गाँव के दबंगों के कारण दो दलित भाइयों की बारात बिना बैंड, बाजा और घोड़ी के निकालना पड़ी. पुलिस के साए में बारात वधू के दरवाजे पहुंची.

फिरोजाबाद के ग्रामीण इलाके के थाना नारखी के रजावली गाँव के जगदीश की दो बेटियों की शादी अलीगढ के रहने वाले दो भाइयों से तय थी. उनकी बारात जब रात को गाँव आई तो बाराती तैयार होकर बैंड बाजों के साथ निकलने लगे, तभी बारात को गाँव के कुछ दबंगों ने रास्ते में रोक दिया.

बारात रोके जाने से माहौल बिगड़ने लगा तो मौके पर पहुंची पुलिस ने दबंगों को रोका, लेकिन फिर भी बारात बैंड बाजे के साथ नहीं चली. पुलिस की मौजूदगी में बारात लडकी वाले के घर पहुंची. वधूओं के पिता जगदीश ने बताया कि उन्हें पहले ही अंदेशा था कि गाँव के कुछ दबंग उनका विरोध करेंगे, क्योंकि दबंगों ने किसी दलित समाज की बारात गाँव में न लाने की बात कही थी.

पुलिस- प्रशासन पर भी प्रश्न चिन्ह – इस मामले में पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहा है. जब पुलिस को पता था कि दबंग दलितों की बारात को जाने नहीं देंगे तो उसने क्या इंतजाम किये. सिर्फ पुलिस सुरक्षा दी गई लेकिन बारात को आखिर बिना बैंड, बाजा और घोड़ी के वधू के दरवाजे तक क्यों पहुँचाया. साथ ही दबंगों के खिलाफ अब तक कार्रवाई भी नहीं की गई है.

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