जहाँ बचपन गुज़ारा उन गलियो से गुज़री अंतिम यात्रा
जहाँ बचपन गुज़ारा उन गलियो से गुज़री अंतिम यात्रा
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नई दिल्ली : घर में 25 साल के संदीप की शादी को लेकर जहाँ परिजनों में उत्साह था वही रविवार के बाद से मातम छा गया. नासिक के रहने वाले संदीप सोमनाथ रविवार को उरी में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए.

संदीप का पार्थिव शरीर उनके घर पंहुचा तो सारा गांव गम और आसुओं में डूब गया. संदीप के परिजनों ने अपने आँख के तारे की नम आँखों से आरती उतारी सभी गाव वालों ने संदीप को अंतिम विदाई दी. सभी के आँखे आसुओं से तर थी पर देश पर कुर्बान हुए संदीप पर सभी को गर्व था और सभी ने भारत माता की जय के नारे के साथ देश के वीर जवान को अंतिम बार सलामी देते हुए विदाई दी.

संदीप की पार्थिव देह को संदीप के साथियों ने कन्धा देकर गाड़ी तक पहुचाया और जहाँ संदीप ने बचपन गुज़ारा उन गलियों से उनकी अंतिम यात्रा निकली सभी ने भीगी आँखों से संदीप को आखिरी सलामी दी और भारत माता की जय के साथ साथ पकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए.

संदीप के तीन बड़े भाई बहन हैं, संदीप सबसे छोटे थे और सबके लाडले भी. सभी परिजन संदीप की शादी को लेकर बेहद खुश थे लेकिन संदीप ने शादी सहारा पहनने से पहले तिरंगे में अपने आपको लपेट लिया. जहाँ चाह वहां राह वाली कहावत को संदीप ने सच कर दिया था. उन्होंने 10 बार फेल होने के बाद 11वी बार में सेना का इम्तेहान पास किया था. देश के लिए मर मिटने का जज्वा लिए संदीप केवल 2 साल तक आर्मी में रह सके और रविवार को उन्होंने सभी को अलविदा कह दिया.

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