रोहतक : हरियाणा के वित मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कोठी में जाट आंदोलन के दौरान लगाए आग के आरोपियों को जब पुलिस गिरफ्तार करने पहुंची, तो एसआईटी की टीम को लोगों ने बंधक बना लिया। घटना रोहतक के रौनकपुरा का है। इससे इलाके में तनाव फैल गया। लोगों ने एसआईटी पर आरोप लगाया कि एसआईटी ने मोहल्ले की औरतों के साथ बदतमीजी की औऱ बेकसूर लोगों को परेशान किया।
19 फरवरी को हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान उपद्रवियों ने कैप्टन अभिमन्यु की कोठी को आग के हवाले कर दिया था। सुबह 10.30 बजे पुलिस आरोपी देवेंद्र को पकड़ने पहुंची, लेकिन वो पहले ही फरार हो गया। ऐसे में एसआईटी ने देवेंद्र के भाई रवींद्र को गिरफ्तार कर लिया, जिससे लोग नाराज हो गए। लोगों का कहना है कि पुलिस बिना किसी नंबर वाली गाड़ी में आई थी और परिवार के बच्चों को बेवजह परेशान किया।
अब लोगों की मांग है कि एसआईटी के इंचार्ज को बदला जाए। इस हंगामे के बाद शहर में तनाव का माहौल हो गया। दो डीएसपी के साथ ही इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। 5 थानों की पुलिस और आरएएफ की 3 गाड़ियां शामिल है।
हाल ही में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कैप्टन अभिमन्यु की कोठी में आगजनी के बाद उपद्रवी लड्डू बांटते देखे गए थे। कैप्टन का परिवार करीब पौन घंटे आग में फंसा रहा था। घर की महिलाओं और बच्चों को पीछे के रास्ते निकाला गया था। आरोपियों में शामिल अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष दिलावर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।