भारतीय समाज में आमतौर ऐसा माना जाता है कि शनि अनिष्टकारक, अशुभ और दुःख प्रदाता है, पर वास्तव मं ऐसा नहीं है. मानव जीवन में शनि के सकारात्मक प्रभाव भी बहुत है. शनि संतुलन एवं न्याय के ग्रह हैं. यह सूर्य के पुत्र माने गये हैं. यह नीले रंग के ग्रह हैं, जिससे नीले रंग की किरणें पृथ्वी पर निरंतर पड़ती रहती हैं. यह सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है. यह बड़ा है, इसलिए यह एक राशि का भ्रमण करने में अढाई वर्ष तथा 12 राशियों का भ्रमण करने पर लगभग 30 वर्ष का समय लगाता है.यहाँ दिये गये सरल उपाय आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगे.
प्रथम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय –
1-अपने ललाट पर प्रतिदिन दूध अथवा दही का तिलक लगाए.
2-शनिवार केदिन न तो तेल लगाए और न ही तेल खाए.
3-तांबे के बने हुए चार साँप शनिवार के दिन नदी में प्रवाहित करे.
4-भगवान शनिदेव या हनुमान जी के मंदिर में जाकर यह प्रथना करे की प्रभु ! हमसे जो पाप हुए हैं, उनके लिए हमे क्षमा करो, हमारा कल्याण करो.
5-जब भी आपको समय मिले शनि दोष निवारण मंत्र का जाप करे.