भारत के ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ में क्या है ख़ास? जिसकी तारीफ करते नहीं थके वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष और अमेरिका की वित्त मंत्री
भारत के ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ में क्या है ख़ास? जिसकी तारीफ करते नहीं थके वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष और अमेरिका की वित्त मंत्री
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अहमदाबाद: ‘वर्ल्ड बैंक’ के अध्यक्ष अजय बंगा ने गुजरात के ‘शिक्षा मॉडल’ की प्रशंसा की है। उन्होंने रविवार (16 जुलाई) को कहा है कि गुजरात में जो ‘कंट्रोल एन्ड कमांड सेंटर’ की व्यवस्था है, उसे देशभर में लागू किया जाना चाहिए। बता दें कि गुजरात में इसे ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ भी कहा जाता है। बंगा ने कहा कि इस व्यवस्था को न केवल देश भर में लागू किया जाना चाहिए, बल्कि लीडरशिप के एक मॉडल के तौर पर दुनिया के तमाम इलाकों में इसे लागू किया जाना चाहिए।

 

दरअसल, वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा अमेरिका के ‘सेक्रेटरी ऑफ द ट्रेजरी’ जेनेट एल्लेन के साथ गुजरात की राजधानी गाँधीनगर में ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ पहुंचे थे। बता दें कि इस केंद्र के पास 1.15 करोड़ स्टूडेंट्स, 5 लाख टीचर्स और गुजरात के 50,000 स्कूलों का डेटा मौजूद है। इन सभी छात्रों के एकेडमिक और प्रशासनिक डेटा को इकठ्ठा कर इसकी निगरानी और विश्लेषण किया जाता है। इस दौरान सेक्रेटरी एल्लेन ने कहा कि शिक्षा पर फोकस करने से ही गरीबी मिटाई जा सकती है।

अमेरिका के ‘सेक्रेटरी ऑफ द ट्रेजरी’ जेनेट एल्लेन ने कहा कि इससे ठोस विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले वक़्त में नए-नए प्रयोगों में तेजी लाने के लिए और वास्तविक नतीजों को देने वाले ऐसे प्रोजेक्ट्स, जो स्मार्ट तरीके से डिजाइन किए गए हों, ये सेंटर इसका उत्तम उदाहरण है कि ‘वर्ल्ड बैंक’ व अन्य साझेदार मिल कर इससे क्या डिलीवर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि असरदार होने का सबसे अच्छा रास्ता है कि ऐसे प्रोजेक्ट्स का अध्ययन किया जाए जो अच्छे नतीजे देते हों, फिर उन्हें लागू किया जाए।

वहीं, अजय बंगा ने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र इसका उत्कृष्ट उदाहरण है कि इतनी बड़ी युवा आबादी वाले देश में विकास कैसे हो। उन्होंने इस दौरान ध्यान दिलाया कि भारत में युवाओं की तादाद किसी भी देश से अधिक है। उन्होंने युवाओं को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ और स्वच्छ हवा-पानी दिए जाने की सिफारिश की। दोनों नेताओं ने इस दौरान छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ चर्चा की। बता दें कि, केंद्र सरकार भी ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ की प्रशंसा कर चुकी है। इससे छात्रों की एटेंडेंस बढ़ी है, शिक्षकों-छात्रों का अनुपात बढ़ा है और स्कूलों का प्रबंधन बेहतर हुआ है।

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