क्या होता है बादल का फटना? जानिए क्यों अमरनाथ गुफा के पास ही हुआ ये भीषण हादसा
क्या होता है बादल का फटना? जानिए क्यों अमरनाथ गुफा के पास ही हुआ ये भीषण हादसा
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अमरनाथ में बाबा बर्फानी की गुफा के पास बादल फटने से अब तक 3 महिलाओं समेत 12 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। केवल यही नहीं, बल्कि 35-40 श्रद्धालु अब भी फंसे हुए हैं। आप सभी को यह भी बता दें कि ये हादसा बीते शुक्रवार शाम साढ़े 5 बजे हुआ। वहीं जिस समय बादल फटने की घटना हुई, तब गुफा के पास 10 से 15 हजार श्रद्दालु मौजूद थे। हालाँकि फिलहाल सेना के साथ ही एनडीआरएफ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है। अब आज हम आपको बताते हैं आखिर क्या है बादल का फटना और ऐसी घटनाएं पहाड़ी इलाकों में ही क्यों होती हैं?

क्या होता है बादल का फटना?- अगर हम मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो जब एक ही जगह पर अचानक बहुत सारा पानी गिर जाए तो उसे बादल का फटना कहते हैं। जी हाँ और आसान भाषा में कहें तो पानी से भरे गुब्बारे में अगर पिन चुभा दी जाए तो उसका सारा पानी एक ही जगह स्पीड से गिरेगा। जी हाँ और ठीक इसी तरह बादल जब एक ही जगह बहुत सारा पानी गिरा देते हैं तो उसे बादल का फटना कहा जाता है। 

क्यों होती है बादल फटने की घटनाएं?- जी दरअसल समुद्र से वाष्प जब उपर उठती है तो उसमें बहुत ज्यादा नमी होती है। ऐसे में कई बार ज्यादा नमी वाले बादल ऊंचे और पहाड़ी इलाकों में रुक जाते हैं। वहीं पहाड़ों की ऊंचाई के चलते वो ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाते हैं और इसकी वजह से ऊंचाई वाले इलाकों में बादल फट जाते हैं, जिनसे 100 मिमी प्रति घंटे की रफ्तार से एक ही जगह पर बारिश होती है। इसके अलावा पहाड़ों पर बादल फटने और तेज बारिश के चलते पानी अपने साथ मिट्टी, कीचड़ और पत्थरों के टुकड़े तेजी से बहाते हुए लाता है और ऐसे में इसके सामने आने वाली हर चीज खत्म हो जाती है। 

भारत में कब-कब हुईं बादल फटने की घटनाएं :
26 नवंबर 1970 - हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से एक मिनट में 1।5 इंच बारिश हुई थी और इसमें कई लोगों की जान चली गई थी।
6 अगस्त 2010 - जम्मू-कश्मीर के लेह में बादल फटने से एक मिनट के अंदर 1।9 इंच बारिश हुई और इस दौरान भारी तबाही मची थी।  
16 जून 2013 - केदारनाथ धाम में बादल फटने से तेज बारिश हुई। यहाँ ग्लेशियर फट गया और तेज बारिश और भूस्खलन के बाद ढलान में तेजी से बढ़ते मलबे ने अपने रास्ते में आने वाली हर चीज तबाह कर दी। इसमें 6 हजार लोग मारे गए थे। 
11 मई 2016 - शिमला के पास सुन्नी में बादल फटा और इससे तबाही मची थी। 
14 अगस्त 2017- पिथौरागढ़ के पास मांगती नाला में फटने से 4 लोगों की मौत हो गई थी। 
फरवरी, 2021 - फरवरी में चमोली में ग्लेशियर फटने की वजह से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई थी। यहाँ 54 शव बरामद किए गए थे और सैकड़ों की संख्या में लोग लापता हो गए थे। 
24 अप्रैल, 2021 - उत्तराखंड के चमोली जिले के नीती घाटी के सुमना में बर्फबारी के बाद ग्लेशियर टूटने (Glacier Burst) से भारी तबाही हुई। 

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