रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में पानी की किल्लत कम होने का नाम नही ले रही है. नगरीय क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी पानी एक विकट समस्या बन गई है. लोगों को पेयजल के भी लिए जगह-जगह भटकना पड़ रहा है. वहीं प्रशासन केवल कागजों में ही पानी की समस्या का समाधान कर अपनी पीठ थपथपा रहा है.
इसका उदहारण मुंगेली जिले में देखने को मिलता है. ताजा मामला मुंगेली जिले के पदमपुर ग्राम पंचायत का है, जहां पदमपुर के आश्रित ग्राम ठाकुर देवा ग्राम के लोग पेयजल के लिए भटक रहे हैं. इस गांव में 3 हैंड पम्प हैं और तीनों ही खराब हालत में है. किसी से भी पानी नहीं निकल रहा है. ऐसे में इस गांव में पानी के लिए हाहाकार मची हुई है. गांव में एक तालाब था वो भी इस गर्मी में पूरी तरह सुख चुका है. ग्रामीणों की मानें तो उनके पालतू जानवर भी पानी के लिए तरस रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पीने के पानी के लिए निजी बोर वालों के घर पर पानी मांगने जाना पड़ता है. गांव में हैंड पम्प होने के बावजूद दूसरों का मुंह ताकना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया है कि उनके गांव का हैंडपम्प मार्च महीने से बंद पड़ा है और वो लोग इसकी शिकायत गांव के सरपंच को कई बार कर चुके हैं, लेकिन गांव का सरपंच इस तरफ कोई ध्यान नही दे रहा है.
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