व्यापमं घोटाले में एक और मौत, संदिग्ध हालात में मिली पत्रकार की लाश
व्यापमं घोटाले में एक और मौत, संदिग्ध हालात में मिली पत्रकार की लाश
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भोपाल : मध्यप्रदेश में कथित व्यापमं घोटाले की जाँच कर रहे एक टीवी न्यूज चैनल के पत्रकार अक्षय सिंह की झाबुआ जिले में शनिवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि अक्षय की मौत की वजह क्या है। मौत से पहले अक्षय व्यापमं घोटाले की रिपोर्टिंग के सिलसिले में झाबुआ के मेघनगर कस्बे में नम्रता डामोर के परिवार का इंटरव्यू कर रहे थे। नम्रता डामोर इंदौर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ती थीं। नम्रता का नाम गलत ढंग से मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने वालों में था व उनकी लाश रेलवे ट्रैक के नज़दीक मिली थी। तथा इसके लिए वे राजधानी दिल्ली से आए थे. खबर के अंतर्गत जब वे इस केस के लिए नम्रता के पिता के पास जाकर बातचीत कर रहे थे तभी अचानक से उनके मुहं से झाग निकलना शुरू हो गया इसी बीच वे अचानक से कुर्सी पर से गिर पड़े उन्हें तुरंत ही पास के नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया.  जहा पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शनिवार शाम को अक्षय का पोस्टमॉर्टम किया गया।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक व्यापमं घोटाले के 25 आरोपियों की अब तक मौत हो चुकी है। इस मामले में अब तक 2,000 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। व्यापमं व्यावसायिक परीक्षा मंडल का शॉर्टफॉर्म है। व्यावसायिक परीक्षा मंडल मध्य प्रदेश में प्री मेडिकल टेस्ट, प्री इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं करवाता है। व्यापमं घोटाले का मामला पहली बार जुलाई, 2013 में उछला था। तथा इस केस में अब तक पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और उनके ओएसडी ओपी शुक्ला गिरफ्तार किए जा चुके हैं। यह मामला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में है तथा एसटीएफ इसकी जांच कर रहा है। हम आपको किस प्रकार व्यापमं घोटाला हुआ इसका वर्णन कर रहे है इसके अंतर्गत व्यापमं घोटाले में कंप्यूटर सूची में हेराफेरी करके गलत तरीके से नाकाबिल लोगों को भर्ती कराया गया। 

व्यापमं के जरिए से कॉन्ट्रैक्ट टीचर वर्ग-1 और वर्ग-2 के अलावा कांस्टेबल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी व नापतौल निरीक्षक आदि की भर्तियां की गईं। व्यापमं की तमाम भर्तियों में से करीब 1000 भर्तियों को संदिग्ध माना गया है। इन संदिग्ध भर्तियों की जांच की जा रही है। यही नहीं, मेडिकल कॉलेज में हुए करीब 500 एडमिशन भी शक के दायरे में है। आईपीएस अधिकारी व डीआईजी आरके शिवहरे को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन पर आरोप है कि अपनी बेटी नेहा को प्री-पीजी मेडिकल में अनुचित तरीके से भर्ती कराया था। पीएमटी परीक्षा में भर्तियों के मामले में अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के विनोद भंडारी को गिरफ्तार किया जा चुका है। तथा इसमें और भी लोगो का हाथ है जिसे जाँच कमेटी सुलझाने में लगी है.

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