विवियन रिचर्ड्स क्रिकेट मैदान को लेकर कही यह बात
विवियन रिचर्ड्स क्रिकेट मैदान को लेकर कही यह बात
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विवियन रिचर्ड्स  की गिनती विश्व क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में शुमार है. आधुनिक क्रिकेट में दुनिया के तमाम बड़े बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स को अपना आदर्श मानते हैं. तमाम बल्लेबाज उनके फैन हैं. इसमें सचिन तेंडुलकर  से लेकर विराट कोहली जैसे बड़े बल्लेबाज भी शामिल हैं. सर विवियन रिचर्ड्स वेस्टइंडीज के उस दौर के गवाह रहे हैं, जिसमें उनकी टीम का विश्व क्रिकेट में दबदबा था. ये वो दौर था जब विश्व क्रिकेट में एक से एक खतरनाक गेंदबाज भी हुआ करते थे. आज की तरह तब गेंदों की रफ्तार को नापने की तकनीक नहीं थी. वरना हैरान करने वाले नतीजे सामने होते. खैर, उस खतरनाक गेंदबाजी के दौर में भी विवियन रिचर्ड्स ने बल्लेबाजी को आसान बनाया. वो क्रीज पर च्युइंगगम खाते हुए आते और एक-एक दो-दो रन लेकर जल्दी ही स्कोरबोर्ड पर अच्छे खासे रन जमा कर लेते. बड़े-बड़े गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ उन्होंने हेलमेट नहीं पहना. अब वही विवियन रिचर्ड्स कहते हैं कि देश के लिए खेलते वक्त मैदान में वो मरने तक के लिए तैयार थे.

शेन वॉटसन के साथ बातचीत में कही ये बात: दुनिया भर में आजकल कोरोना की वजह से लॉकडाउन  की स्थिति है. हर किसी के पास समय की भरमार है. इस मुश्किल वक्त में खुद को सकारात्मक भी रखना है. ऐसे में आजकल अक्सर दो बड़े खिलाड़ी आपस में बातचीत कर एक दूसरे के करियर की कहानियां साझा कर रहे हैं. विवियन रिचर्ड्स ने भी ये बात ऑस्ट्रेलिया के दिग्ग्ज ऑलराउंडर शेन वॉटसन  के साथ कही. उन्होंने कहा कि दुनिया में कई खिलाड़ी अपने खेल से बेइंतहा प्यार करते हैं. फ़ॉर्मूला वन रेसिंग में ड्राइवर जिस तरह की ड्राइव करते हैं वो कितना ख़तरनाक है. उन्होंने शेन वॉटसन से पूछा कि क्या इससे भी ख़तरनाक कुछ हो सकता है, जिसके जवाब में वॉटसन ने कहा कि 150 किलोमीटर की रफ़्तार से सामने आ रही गेंद को बिना हेलमेट के खेलना. विवियन रिचर्ड्स ऐसा ही किया करते थे. भारतीय क्रिकेट प्रेमी इसके लिए सुनील गावस्कर को याद करते हैं. जिन्होंने दुनिया के धुरंधर गेंदबाज़ों का सामना बग़ैर हेलमेट के किया.

सर विवियन रिचर्ड्स की आक्रामकता का हर कोई क़ायल: विवियन रिचर्ड्स का खेल ही अलग था. वो दुनिया भर के गेंदबाज़ों के लिए बुरे सपने की तरह थे. रिचर्ड्स ने अपने क़रीब 17 साल के करियर में 121 टेस्ट मैच खेले. इसमें उन्होंने 8,540 रन बनाए. जिसमें 24 शतक शामिल थे. वनडे क्रिकेट में उन्होंने 6,721 रन बनाए. जिसमें 11 शतक शामिल हैं. क्रिकेट की तमाम रिकॉर्ड बुक पर एक दौर में विवियन रिचर्ड्स का क़ब्ज़ा हुआ करता था. 1977 में उन्हें विज़डन क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर के सम्मान से नवाजा गया था. 1983 में जब भारत ने वेस्टइंडीज़ को हराकर विश्व कप (World Cup) जीता था, तो वो मैच भी भारत की पकड़ में तब आया जब मदन लाल ने विवियन रिचर्ड्स को आउट किया. कपिल देव (Kapil Dev) ने उनका करिश्माई कैच पकड़ा था. वर्ना उससे पहले वो 28 गेंद पर 33 रन बनाकर कैरिबियन टीम को विश्व कप में जीत की हैट्रिक की तरफ़ ले जा रहे थे.

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