दुनियाभर में सभी के घरों में मंदिर होता है. ऐसे में हर किसी के घर में पूजा का स्थान बहुत ही विशेष और खास माना जाता हैं पूजा घर, घर का वह स्थान होता हैं जहां पर मन शांति और सुकून से भर जाता हैं. इसी के साथ कहते हैं पूजा घर का घर में होना जरुरी माना जाता है और जितना की एक शरीर को ऑक्सीजन की जरूरत होती हैं इससे आपके घर की सुख शांति तो बनी ही रहती हैं. ऐसे में इससे आपके बच्चो में भी अच्छे संस्कार आते हैं और वास्तु शास्त्र के मुताबिक हम आपको बताने जा रहे हैं कि घर में पूजा ग्रह किस तरह और कैसा होना चाहिए. तो आइए बताते हैं.
आप सभी को बता दें, कि मंदिर हमेशा ही घर की उत्तर पूर्व दिशा में ही होना चाहिए. जी हाँ, कहते हैं इस दिशा में बना घर में मंदिर सुख शांति के साथ साथ आपकी सोच में भी स्पष्टता लाने में बहुत ही मदद करता हैं और इस दिशा में बने मंदिर में पूजा करने से मन को शांति प्राप्त होती हैं साथ ही साथ ध्यान में एकाग्रता लाने में सफल होता है. कहते हैं घर का मंदिर इशान कोण पर भी बना सकते हैं मगर हवन इत्यादि घर की पश्चिम दिशा में ही होना शुभ माना जाता हैं और घर के मंदिर की रोज अच्छी तरह से साफ सफाई होनी चाहिए.
इसी के साथ भगवान को चढ़ाने वाले पुष्प हमेशा ही ताजे होने चाहिए क्योंकि बासी हो चुके पुष्पों को जल्द से जल्द साफ कर देना चाहिए. ऐसे में अगर घर का मंदिर ही अस्त वयस्त रहेगा तो आपका मन भी हमेशा भटकता रहेगा और आपके घर में सुख शान्ति नहीं होगी.
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