वाराणसी: महाशिवरात्रि का पर्व विश्वनाथ धाम में खास होगा, इसके लिए व्यवस्था भी खास की गई है. किन्तु इसके कारण भक्त बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में नहीं जा सकेंगे. भक्तों की भारी तादाद को लेकर प्रशासन ने यह बड़ा फैसला लिया है. बता दें कि भक्त बाहर से झांकी दर्शन कर जलार्पण करेंगे जो सीधे बाबा के ज्योतिर्लिंग पर जाकर गिरेगा. यही नहीं भक्तों के कतार में चप्पल जूता पहनकर जाने पर भी पाबन्दी होगी. प्रशासन की माने तो दर्शन के दौरान चप्पल जूते का ढेर लग जाने के कारण अव्यवस्था होती है.
बता दें कि शिव व शक्ति के मिलन के दिन को शिवरात्रि कहा जाता है. भगवान शंकर की नगरी वाराणसी में शिवरात्रि को लेकर तैयारियां चरम पर है. प्रशासन ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन में भक्तों को किसी प्रकार से परेशानी ना हो उसको देखते हुए, विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन पर पाबन्दी लगा दी है. शिवरात्रि के दिन हर कोई बाबा का दर्शन करने के लिए आतुर रहता है और विशेष तौर पर बाबा की नगरी काशी में बाबा को जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी तादाद रहती है. भीड़ के चलते श्रद्धालु को कोई परेशानी न हो उसके लिए प्रशासन ने खास इंतज़ाम किया है.
काशी बाबा विश्वनाथ की नगरी है और बाबा की नगरी में महाशिवरात्रि एक उत्सव के रूप में मनाई जाती है. वाराणसी प्रशासन भी श्रद्धालुओं के साथ इस उत्सव को मनाएगा. तीन दिवसीय उत्सव का आयोजन राजघाट पर होगा, शिवरात्रि के दिन पूरी रात आयोजन का इंतज़ाम है. जिसको लेकर भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
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