जिस 'दोस्त' ने घर बनाने के लिए दिए पैसे, नौशाद ने उसे ही मार डाला, अम्मी सहित पूरे परिवार ने दिया साथ
जिस 'दोस्त' ने घर बनाने के लिए दिए पैसे, नौशाद ने उसे ही मार डाला, अम्मी सहित पूरे परिवार ने दिया साथ
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देहरादून: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में 27 नवंबर 2022 को हुई नितिन भंडारी के क़त्ल की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने 3 सगे भाई और उनकी अम्मी को गिरफ्तार किया है। इनकी शिनाख्त आजाद और नौशाद के तौर पर हुई है, जबकि तीसरा आरोपी नाबालिग है, इसलिए उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। अम्मी गुलशन समेत इनकी गिरफ्तारी 5 दिसंबर को हुई। पता चला है कि उधार का पैसा माँगने के चलते इन्होंने नितिन को मार डाला था।

रिपोर्ट के अनुसार, 35 वर्षीय नितिन मूल रूप से पौड़ी जिले के पाबो ब्लॉक के गाँव चोड़िख का निवासी था। वह हरिद्वार में एक फैक्ट्री में नौकरी करता था। नितिन के घर से कुछ ही दूरी पर भगवानपुर थाना क्षेत्र के ईदगाह कॉलोनी में गुलशन अपने 3 बेटों के साथ रहती है। नौशाद और नितिन के बीच मित्रता थी। एक दिन नौशाद ने प्लॉट खरीदने के लिए नितिन से ढाई लाख रुपए उधार ले लिए थे। लेकिन, बाद में नौशाद पैसे लौटाने में टालमटोल करने लगा। इसके चलते नितिन और नौशाद के रिश्ते बिगड़ने लगे। 27 नवंबर को भी नितिन पैसे माँगने नौशाद के घर पहुंचा था। इस दौरान उनके बीच बहस हुई और मामला हाथापाई तक पहुँच गया। इसके बाद नौशाद ने नितिन को नीचे पटककर, गमछे से उसका गला घोंट दिया। इस हत्या में नौशाद के पूरे परिवार ने भी उसका साथ दिया। नितिन का क़त्ल करने के बाद उसकी लाश के साथ नौशाद का पूरा परिवार रात भर सोया। अगले दिन आरोपितों ने बाजार से अनाज की एक टंकी खरीदी और उसमें नितिन के शव को रखकर उसे ठिकाने लगाने के लिए सही समय की प्रतीक्षा कर रहे थे।

2 दिनों तक नौशाद का पूरा परिवार नितिन के शव के साथ रहा। मगर, जब अनाज की टंकी से खून निकलने लगा, तो आरोपित शव को वहीं छोड़ और घर में ताला लगा फरार हो गए।  बाद में घर की तलाशी के दौरान पुलिस को नितिन का शव मिला था। नितिन की जेब में मिली पर्ची से उसकी कम्पनी और कम्पनी से मिली जानकारी से नितिन के परिजनों से सम्पर्क किया गया। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। इस दौरान पुलिस ने उस पिकअप ड्राइवर को खोज लिया, जो आरोपितों का सामान लेकर गया था। पिकअप ड्राइवर ने अपनी बुकिंग के लिए आए एक बुलेट का नंबर बताया, जो आरोपितों की थी। इसी नंबर को आधार बनाकर पुलिस आरोपितों तक पहुँच गई।

जाँच के दौरान पुलिस ने पाया कि अम्मी गुलशन और उसके परिवार को किराए पर रखने वाले मकान मालिक ने उनका सत्यापन नहीं करवाया था। इस संबंध में मकान मालिक पर भी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस ने जाँच के दौरान कुछ मोबाइल नंबर जुटाए, जिनकी लोकेशन नोएडा, बुलंदशहर और राजस्थान बता रही थी। पुलिस ने इन लोकेशनों पर छापेमारी करते हुए अलग-अलग दिनों में सभी 4 आरोपितों को अरेस्ट कर लिया।

पुलिस के अनुसार, आरोपितों ने अपना अपराध भी कबूल कर लिया है। उनके कब्जे से गैस सिलेंडर, फ्रिज, बुलेट, मोबाइल फोन, मृतक नितिन का पैन कार्ड और ATM कार्ड के साथ 1 लाख 10 हजार रुपए नकद बरामद किए गए हैं। मामले में शामिल 3 आरोपितों को जेल और एक अन्य नाबालिग को बाल सुधर गृह भेज दिया गया है। नितिन की शादी वर्ष 2018 में हुई थी। वह बीते 6 वर्षों से हरिद्वार की एक दवा कम्पनी में नौकरी करता था। उसके पिता को 2019 में लकवा मार चुका है और नितिन के घर में माँ के साथ 2 बहनें हैं।

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