देहरादून: देश के कई राज्यों में इन दिनों बारिश ने संकट कि स्थिति उतपन्न कर दी है. वही इस समय उत्तराखंड के पिथौरागढ़ शहर में शनिवार के पश्चात् रविवार की रात भी बादलों ने बेहद कहर बरपाया. वही इस दौरान गैला गांव के तीन लोगों की मृत्यु हो गई है. मृतकों के नाम शेर सिंह, गोविंदी और ममता है. गैला गांव में मकान जमींदोज होने से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि पांच गंभीर रूप से घायल हैं. वहीं इसी तहसील के टांगा गांव में भूस्खलन के चलते पहाड़ी से निकले मलबे के साथ तीन मकान भी बह गए. इस पूरी घटना में प्रशासन ने सात लोगों के लापता होने की पुष्टि की है.
आपको बता दे कि बीते दो दिनों से मौसम के रौद्र रूप को देखते हुए पूरे सीमांत के लोग खौफ में हैं. तहसील के 12 से ज्यादा गावों में सर्वाधिक वर्षा ने भारी तबाही मचाई है. खतरे की जद में आए परिवारों को शिफ्ट किया जा रहा है. मुनस्यारी को जाने वाली दोनों सड़कें भी बंद हैं. इसके बाद डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने अपने बयान में बताया, कि प्रभावित इलाको में एसडीआरएफ और मेडिकल टीम भेजी गई है. एक घायल को रेस्क्यू किया गया है. टनकपुर-तवाघाट रोड दोबाट में अधिक मलबा और बोल्डर गिरने से बंद हो गई है. तवाघाट-घट्टाबगड़-लिपुलेख रोड पर भी कई क्षेत्रो पर मलबा आया है.
इसके साथ ही चीन सीमा को जोड़ने वाले इस रोड के बंद होने से पूजा के लिए जा रहे व्यास घाटी के सात गांवों के लोगों के साथ ही सुरक्षा बलों को भी बहुत परेशानी हो रही है. भूस्खलन से पेयजल योजनाएं भी बह गईं हैं. कुछ क्षेत्रो पर पैदल पुल और मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मूसलाधार वर्षा से मुनस्यारी में एसडीएम कार्यालय परिसर से निकले बरसाती नाले से रोड रोखड़ में बदल गई है. वही नगर के 35 से ज्यादा दुकानों में मलबा घुसने से दुकान में रखा पूरा सामान खराब हो गया है. अतिवृष्टि से मुनस्यारी के बलौटा गांव में कई मकानों को खतरा उतपन्न हो गया है. अब इस भयावह स्थिति से लोगोप को बचाने के लिए सरकार सोच विचार कर रही है.
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