UP के मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा ने अमित को दी मंजूरी
UP के मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा ने अमित को दी मंजूरी
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उत्तरप्रदेश : उत्तर प्रदेश से हैरान कर देने वाली खबर आ रही है. प्रचंड बहुमत हांसिल कर रेकॉर्डतोड़ जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने यूपी के मुख्यमंत्री पद के लिए नए चेहरे को मंजूरी दे दी है. ये नाम है अमित मोहन मित्तल जी का. अमित मित्तल के नाम पर संघ पहले ही सहमति जता चुका है. हैरान करने वाली बात ये है कि अमित का कोई बहुत राजनीतिक अनुभव नहीं है. अमित सोशल मीडिया पर जनजागरण के लिये सुप्रभात संदेश के कारण काफी चर्चित है, बड़े विद्वान्, विख्यात, समाज सेवी, उच्च शिक्षित, एवं सामाजिक गतिविधियों में रुचि रखने वाले कद-काठी सेे सामान्य व्यक्ति हैं. भाजपा शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले से न सिर्फ भाजपा में हड़कंप मचा है बल्कि पूरे प्रदेश और देश की राजनीती में कौतूहल हो गया है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा संसदीय दल की हुई बैठक में अमित के नाम पर सहमति बन गयी. सूत्र बताते हैं की मोदी जी ने स्वयं अमित का नाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया. जिस पर अमित शाह और नितिन गडकरी ने अनुमोदन किया.

मुख्यमंत्री पद के लिए गोपनीय तौर पर सबसे आगे चल रहे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इनके पुराने पडोसी होने के बाद भी थोडा सा विरोध भी किया लेकिन मोदी और शाह के इशारे के बाद वह भी संभल गए. ये इशारा संघ की ओर से अमित के नाम को लेकर आये सन्देश की ओर था. बैठक में शामिल सभी सदस्यों को फ़िलहाल इस मुद्दे पर मौन रखने को कहा गया है, जब तक की अमित मित्तल के नाम का औपचारिक ऐलान नहीं किया जाता. संसदीय दल के सदस्यों की तमाम गोपनीयता के प्रयासों का बावजूद ये खबर भाजपा में कुछ ही घण्टे में लीक हो गयी. मुख्यमंत्री के रूप में अमित का अनजान नाम सामने आने से भाजपा में हड़कंप है. सभी नव-निर्वाचित विधायक और नेता परेशान हैं की ये अमित मित्तल कौन हैं जो अचानक मुख्यमंत्री बनने जा रहे है. राजभवन के सूत्रों की माने तो होली के त्योहार के कारण अमित मित्तल की व्यस्तता के चलते शपथ ग्रहण में अभी विलम्ब है.

इस खबर के फैलते ही सामान्य स्वयंसेवक से मुख्यमंत्री बने अमित मित्तल के घर पर उनके मित्रों और शुभचिंतकों का मजमा लगना शुरू हो गया है. इस बारे में जब मित्तल से संपर्क किया गया तो उन्होंने भी हैरत जतायी है. उन्होंने बताया की वह राजनीति में आने की सोच तो रहे थे लेकिन उन्हें सीधे मुख्यमंत्री बनाया जायेगा ये कभी नहीं सोचा था. हाँ, इस तरह का एक सपना आया कि उन्हें भाजपा संसदीय दल ने यूपी के मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम पर मुहर लगायी है, जिसके बाद से वह अपना मोबाइल आफ करके बैठे है. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से इंकार करने पर प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के निर्देश पर पुलिस के लोग हर जगह उनको ढूँढ रहे हैं. फिर किसी मुखबिर की सूचना पर पुलिस जबरन शपथ ग्रहण के लिए ले जा रही है और वह कह रहे हैं छोड़ दो मुझे, मैं नहीं लूँगा कोई शपथ-वपथ. तभी श्रीमती जी के झिंझोड़ने पर नींद खुल गयी और सपना भी टूट गया.

होली के मौके पर मीडिया से लुप्त प्रायः होती जा रही हास्य व्यंग्य की परम्परा को सहेजने की दिशा में ये एक छोटा प्रयास था. मित्रों और शुभचिंतकों को जिन्हें ये पसंद आया हो उन्हें होली की एक बार और बहुत-बधाई और शुभकामनायें इस भावना के साथ कि सपने कभी न कभी सच जरूर होते हैैं, इसलिए सपने जरूर देखें और उन्हें सच करने की दिशा में प्रयास जारी रखें. और जिन्हें मिर्ची लगी हो उन्हें तो पुन: होली की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं इस सन्देश के साथ कि सपने देखें या न देखें, लेकिन किसी के सपनो को तोड़े नहीं.

होली है भाई होली है, बुरा न मानो होली है.

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