देहरादून : सुब्रमण्यम स्वामी के बाद अब रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि यूपीए को इस बात का जवाब देना होगा कि अगस्ता वेस्टलैंड डील में किसने रिश्वत ली थी। शहर के चीड़बाग में शहीद स्मारक की आधारशिला रखने के बाद पर्रिकर ने कहा कि विवाद का सवाल यह है कि अगस्ता डील में रिश्वत ली किसने। जो लोग उस दौरान सत्ता में थे, उन्हें इसका जवाब देना होगा।
इटली की अदालत ने साफ शब्दों में कहा था कि रिश्वत के तौर पर 125 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। उसने इससे जुड़े कुछ नामों का भी खुलासा किया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि जांच में यह स्पष्ट हो जाएगा कि कितनी धनराशि किसको दी गई, लेकिन जिस तरीके से सौदा किया गया और एक विशेष कंपनी को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया, उसके बारे में सत्ता में रहने वालों को जवाब देना होगा।
आगे उन्होने कहा कि वो इस मसले पर अधिक बात नहीं करेंगे, क्यों कि यह मुद्दा संसद में सुलझाया जाना है। इटली ने अगस्ता वेस्टलैंड की स्वामी कंपनी फिनमेकेनिका के प्रमुख को इस सौदे में रिश्वत देने के लिए गिरफ्तार किया। अगस्ता वेस्टलैंड के प्रमुख ग्यूसेप ओरसी को इश मामले में दोषी ठहराया गया। इस दौरान मिलान की अदालत ने साफ बताया कि किस प्रकार कंपनी ने 3600 करोड़ की डील के लिए कांग्रेस के नेताओं को रिश्वत दी थी।