'मेरी गर्दन पर तलवार मारी..', जहांगीरपुरी हिंसा में घायल शख्स ने बताया- हमलावर बंगाली मुस्लिम थे
'मेरी गर्दन पर तलवार मारी..', जहांगीरपुरी हिंसा में घायल शख्स ने बताया- हमलावर बंगाली मुस्लिम थे
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नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. जबकि एक नागरिक भी जख्मी है. हिंसा में उमाशंकर दुबे भी घायल हुए हैं. वे हनुमान जयंती पर जुलूस की अगुवाई कर रहे थे. उमाशंकर की गर्दन पर तलवार से हमला किया गया. उन्हें गंभीर चोटें आई हैं. अभी उनका दिल्ली के अस्पताल में उपचार चल रहा है.

जहांगीरपुरी हिंसा में जख्मी उमाशंकर ने मीडिया को बताया है कि, वे हनुमान जयंती पर जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे. दंगा लगभग साढ़े 5 बजे शुरू हुआ. शुरुआत में 70-80 लोग विरोध कर रहे थे. उसके बाद दंगाइयों की भीड़ बढ़ती गई. अचानक छत से पत्थर और बोतलें फेंकी जाने लगीं. उन्होंने बताया कि अंसार उस समय 60-70 लोगों के साथ C ब्लॉक में मस्जिद के सामने मौजूद था. अंसार को उसी के समूह के लोगों ने कहा कि इन लोगों को छोड़ना मत, जाने मत देना. उमाशंकर ने बताया कि, 'मैंने अंसार से कहा कि ये लोग निहत्थे हैं, इन्हें मत मारना. इस पर अंसार ने कहा कि, जो किया वो तो भुगतना पड़ेगा.' उन्होंने बताया कि दो से तीन माह पहले बजरंग दल की हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान जहांगीरपुरी में अंसार ने कार्यकर्ताओं को धमकी दी थी. उसने कहा था कि ये सब करना बंद कर दो, नहीं तो परिणाम बुरा होगा. 
 
उमाशंकर ने बताया कि, 'हिंसा के दौरान मुन्ना बंगाली, आरिफ, रफी और आलम के नाम भी लिए जा थे. बाहर से भी लोगों को बुलाया गया था. विवाद के दौरान मेरी गर्दन पर तलवार से हमला किया गया. मैं खून से लथपथ हो गया था. पुलिसवालों ने मुझे अपनी ओर खींचा और गाड़ी में बैठाया. मगर मैं गाड़ी से कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए फिर उतरा. मैं अपने कार्यकर्ताओं को पीछे की गली से लेकर वहां से निकला. मगर तभी छत से पत्थर फेंके जाने लगे. केमिकल्स से भरी बोतलें फेंकी जा रही थीं.' उमाशंकर ने बताया कि, इस दौरान कई राउंड गोलीबारी भी की गई. मैं लोगों को बचाने में लगा हुआ था. हमला करने वाले अधिकतर बंगाली मुस्लिम थे. पुलिस के आने के बाद मामला शांत हुआ. 

बता दें कि इस हिंसा के आरोप में अबतक 23 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है. सोमवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने प्रेस वार्ता करते हुए घटना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ये पूरा विवाद एक मामूली बात से शुरू हुआ था. साथ ही उन्होंने साजिशों के सवाल पर भी जांच की बात कही. अस्थाना ने कहा कि मस्जिद में झंडे लगाए जाने की बात सच नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले की हर एंगल से जांच की जाएगी और जिस पक्ष के लोग भी हिंसा में लिप्त पाए जाएंगे तो उनपर सख्त एक्शन लिया जाएगा.

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