'मेरी माँ से रोते हुए कहा था..', राहुल गांधी के बयान पर अशोक चव्हाण बोले- मैं सोनिया गांधी से कभी मिला ही नहीं
'मेरी माँ से रोते हुए कहा था..', राहुल गांधी के बयान पर अशोक चव्हाण बोले- मैं सोनिया गांधी से कभी मिला ही नहीं
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मुंबई: भाजपा के राज्यसभा सांसद अशोक चव्हाण ने आज सोमवार (18 मार्च) को कहा कि वह 'वरिष्ठ नेता, जिन्होंने कांग्रेस छोड़ दी, वो रोते हुए' नहीं गए थे, जिसका राहुल गांधी ने मुंबई में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' कार्यक्रम में जिक्र किया था। दरअसल, रविवार को विपक्ष के संभावित प्रधानमंत्री उम्मीदवार राहुल गांधी ने अपने प्रतिद्वंद्वियों और एक अनाम मित्र पर तीखे प्रहारों के साथ कांग्रेस की अखिल भारतीय यात्रा का समापन किया था। सियासी गलियारों में ये मान गया कि, उनका इशारा अशोक चव्हाण पर था।

राहुल गांधी ने दावा किया कि एक "वरिष्ठ नेता" जांच एजेंसियों से बचने के लिए भाजपा में चले गए हैं। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को दोहराते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और अन्य का उपयोग प्रतिद्वंद्वी राजनेताओं को डराने के लिए करता है। राहुल ने कहा था कि, इस राज्य के एक वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस छोड़ दी। रोते हुए उन्होंने मेरी मां (सोनिया गांधी) से कहा... 'सोनिया जी, मैं शर्मिंदा हूं। मेरे पास इस शक्ति से लड़ने की शक्ति नहीं है। मैं जेल नहीं जाना चाहता।' बता दें कि, अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ दी थी और कुछ दिनों बाद, उन्हें भाजपा द्वारा राज्यसभा सांसद के रूप में नामित किया गया था। 

बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने कहा कि राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर अपने हमले में वास्तव में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया था। उन्होंने कहा कि, "लेकिन अगर वह मेरे बारे में ऐसा कह रहे हैं, तो यह अतार्किक और निराधार है। सच्चाई यह है कि जब तक मैंने कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया, मैं पार्टी मुख्यालय में काम कर रहा था। मैंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और, कुछ क्षण बाद, पार्टी से भी। तब तक किसी को नहीं पता था कि मैंने इस्तीफा दे दिया है।''

उन्होंने आगे कहा, "मैं सोनिया गांधी से कभी मिला ही नहीं। यह कहना बेबुनियाद है कि मैंने सोनिया गांधी से मुलाकात की और अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। यह चुनाव के दृष्टिकोण से एक राजनीतिक बयान है।" बता दें कि इस साल महाराष्ट्र के दो हाई-प्रोफाइल राजनीतिक नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी थी; पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में चले गए और अशोक चव्हाण भाजपा में चले गए। अशोक चव्हाण के खिलाफ तीन मामले लंबित हैं; इनमें से दो नवंबर 2010 के आदर्श सहकारी हाउसिंग सोसाइटी घोटाले से जुड़े हैं, जिसके कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

पूर्व कांग्रेस नेता ने भाजपा में जाने और राज्यसभा के लिए नामांकन के कुछ दिनों बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस को "डूबता हुआ जहाज" बताया, जिसके भीतर असंतोष था। अशोक चव्हाण ने 19 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में विफल रहने के लिए भी कांग्रेस की आलोचना की; महाराष्ट्र में उस तारीख से पांच चरणों में मतदान होगा। चव्हाण ने कहा था कि "बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस की स्थिति? मैं उन्हें लड़ाई के लिए तैयार नहीं देखता (और) यदि आप नहीं लड़ेंगे, तो आप कैसे जीतेंगे?" 

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