'PM पर भद्दा कमेंट करना फ्रीडम ऑफ स्पीच नहीं', हाई कोर्ट ने ख़ारिज की याचिका
'PM पर भद्दा कमेंट करना फ्रीडम ऑफ स्पीच नहीं', हाई कोर्ट ने ख़ारिज की याचिका
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प्रतापगढ़: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बोलने की स्वतंत्रता (freedom of speech) पर टिप्पणी करते हुए एक शख्स के विरुद्ध दायर FIR को रद्द करने से मना कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस बारें में बोला है कि बोलने की स्वतंत्रता किसी शख्स को देश के नागरिक के विरुद्ध अभद्र भाषा के इस्तेमाल या फिर आपत्तिजनक टिप्पणी करने की इजाजत या छूट प्रदान नहीं करता है, खासकर जब कि वह शख्स देश का प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या सरकार का कोई अन्य मंत्री ही क्यों न हो।

खबरों की माने तो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी मुमताज मंसूरी (Mumtaz Mansoori) की अर्जी पर सुनवाई करते हुए की गई है। मुमताज़ मंसूरी ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की गुजारिश की थी। Mumtaz Mansoori पर आरोप है कि उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ फेसबुक पोस्ट में आपत्तिजनक शब्दों का भी उपयोग किया गया था। कोर्ट में जस्टिस अश्विनी मिश्रा और जस्टिस राजेंद्र कुमार ने मुमताज मंसूरी की अर्जी  पर अपना निर्णय सुना दिया है।

आगे की अपडेट जारी है....

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