टिक टॉक और अन्य मोबाइल एप से भी काटे किनारा, चीनी प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करना हो लक्ष्य हमारा
टिक टॉक और अन्य मोबाइल एप से भी काटे किनारा, चीनी प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करना हो लक्ष्य हमारा
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क्या आप जानते है कि आपका समय बचाने के लिए आप स्वयं जिस ऐप्प और प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते है वह कहा से आता है, जी हां आप सही सोच रहे है, यह सभी प्रोडक्ट्स और एप्स चाइना के बनाये हुए है, जिसका उपयोग आज भी लोग करते है. और चीन का समर्थन करते है, लेकिन अब हम सभी को यह बताना है चीन का कोई भी प्रोडक्ट उपयोग में नहीं लाना है, फिर वह चाहे कितना ही उपयोगी क्यों न हो भारत देश में इस बात को लेकर बड़े पैमाने पर बहिष्कार की लहार उठी है, और न्यूज़ ट्रैक भी इस चाइनीस प्रोडक्ट और एप्स का बहिष्कार करता है. तो चलिए जानते है...  

मोबाइल ऐप्स से भी करेंगे किनारा?: स्मार्टफोन में ऑपरेटिंग सिस्टम होता है और कई ऐप होते हैं. चैटिंग ऐप, शॉपिंग ऐप, टूल्स और ट्रैवल ऐप. We Chat एक चैटिंग ऐप है जो काफी पॉपुलर भी है वो भी चीन का बना है. इसके अलावा कई मशहूर ऐप में चीन ने निवेश कर रखा तो क्या अब भारतीय जनता ऐप भी न यूज करे?

ब्रिटेन का भी यही हाल है:  क्या आप इस बारें में जानते है कि भारत ही नहीं बल्कि ब्रिटेन में बिकने वाले ज्यादातर सामान मेड इन चाइना होते हैं. 2012 में लंदन ओलंपिक के दौरान आधिकारिक वेबसाइट पर बेचे गए 90 फीसदी से ज्यादा प्रोडक्ट्स चीन के बने हुए थे.

टिक टॉक: इतना ही नहीं आज पूरे भारत में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला चाइनीस ऐप्प है टिकटॉक जिसके कारण चाइना को और भी ज्यादा समर्थन मिल रहा है, तो जल्द से जल्द आप भी इस एप्प को डिलीट कर करें चाइनीस ऐप्प और प्रोडक्ट्स का बहिष्कार.

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