नई दिल्ली : 8 नवम्बर को लागू की गई नोटबंदी के आज पूरी तीन महीने पूरे हो रहे हैं. पीएम के दावे के अनुसार नोटबंदी को लेकर सब हिसाब किताब ठीक चल रहा है और ये फैसला सही साबित हुआ है. वहीं, आज चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक समीक्षा के नतीजे भी आएंगे.
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अगुआई में दो दिवसीय मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक के बाद आज इस बात से भी पर्दा उठ जाएगा कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती करेगा या नहीं. यदि ब्याज दर घटाई तो ईएमआई भी कम हो सकती है.आपको बता दें कि रेपो रेट यानी नीतिगत ब्याज दर वो होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को बहुत ही थोड़े समय के लिए कर्ज देता है. इस समय ये दर सवा छह फीसदी है, अक्टूबर में इसमें चौथाई फीसदी की कटौती की गई थी.
बता दें कि नोटबंदी के बाद बैंको के पास फ़िलहाल नकदी काफी ज्यादा है, लेकिन कर्ज की रफ्तार अब भी कम है. ऐसे में ब्याज दर में कुछ और कमी करके कर्ज देने की रफ्तार बढ़ाई जा सकती है. इस बार उम्मीद है कि रेपो रेट में 0.25% तक कटौती हो सकती है.हालांकि बैंक रेपो रेट घटा तो क्या वो भी अपनी ब्याज दरों में कटौती करेंगे या नहीं इस पर मौन हैं.
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