संसदीय समिति के सवालों का सामना नहीं कर पाए उर्जित पटेल
संसदीय समिति के सवालों का सामना नहीं कर पाए उर्जित पटेल
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नई दिल्ली : रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल को संसदीय समिति की बैठक में तीखे सवालों का सामना करने में खुद को बहुत असहज महसूस कर रहे थे.एक स्थिति तो यह भी आई कि सांसदों के कड़े सवाल देख खुद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनका बचाव किया.हालांकि गवर्नर ने समिति को बताया कि 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद किए जाने के संबंध में आरबीआई और सरकार 2016 के शुरू से ही विचार-विमर्श कर रहे थे. आरबीआई ने पुराने नोट बंद करने सरकार के फैसले के लक्ष्य को लेकर सहमति जताई.आरबीआई गवर्नर अब 20 जनवरी को संसद की लोक लेखा समिति के समक्ष भी उपस्थित होंगे.

सूत्रों के अनुसार संसद की वित्त मामलों संबंधी समिति के सदस्यों ने जब उनसे पूछा कि नोटबंदी के फैसले के बाद हालात कब तक सामान्य हो जाएंगे, तो उर्जित पटेल कोई संतोष जनक जवाब नहीं दे पाए और न ही यह बता पाए कि स्थिति सामान्य होने में कितना वक्त लगेगा. हालांकि इतना जरूर बताया कि अब तक 9.2 लाख करोड़ रुपए की मुद्रा सिस्टम में डाल दी है जो बंद किए गए नोट्स की लगभग 60 प्रतिशत है.गवर्नर से जब पूछा गया कि बंद किए पुराने नोट में से कितने वापस आ चुके हैं, तो वह इसकी एक निश्चित संख्या नहीं दे पाए. सिर्फ इतना कहा कि इसकी गणना की जा रही है.

नोटबंदी के मुद्दे पर समिति के सभी सदस्य अपने सवाल पूरे नहीं कर सके, इसलिए आम बजट के बाद एक बार फिर गवर्नर और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को बुलाने का फैसला किया है.बैठक के बाद एक सदस्य ने कहा कि आरबीआई के अधिकारी नोटबंदी के मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में दिखे. खुद गवर्नर मुख्य सवालों के जवाब नहीं दे सके.

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