ये है 'गुड़ी पड़वा' का सही अर्थ
ये है 'गुड़ी पड़वा' का सही अर्थ
Share:

भारत भूमि सदैव से ही अनेकता में एकता के सूत्र में पिरोई हुई रही है. विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र हमारे देश की एक विशेषता यहाँ की विविध मान्यताएँ और रीति-रिवाज हैं जो पूरे देश को कई तरह के उल्लासपूर्ण रंग प्रदान करते हैं. यहाँ कोने-कोने में कई त्यौहारों को मनाने की अलग-अलग पद्धतियाँ हैं जो अनेक होकर भी एक हैं. इन्हीं त्यौहारों में से एक है हमारा हिन्दू नववर्ष जिसे गुड़ी पड़वा कहा जाता है और जिसे देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. 

बता दे कि चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा कहते हैं.  इस दिन से हिन्दू नव वर्ष आरंभ होता है. गुड़ी का अर्थ है विजय पताका. ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था. इस तिथि को 'नवसंवत्सर' भी कहते हैं साथ ही इसी दिन से चैत्र नवरात्रि का आरंभ भी होता है. जैसा कि, हम सभी जानते है चैत्र एक ऐसा महीना है जिसमें वृक्ष और लताएं फलते-फूलते हैं. इस दौरान पलाश के फूल खिलते है जो प्रकृति की लालिमा में चार चाँद लगाते है. महाराष्ट्र में इस त्योहार की विशेष रौनक देखने को मिलती है. यहां इस दिन बड़ी ही धूमधाम से जुलूस निकाले जाते हैं. महाराष्ट्र में इस दिन पूरन पोली और मीठी रोटी बनाई जाती है.

ऐसा भी कहा जाता है कि हिंदू पंचांग की रचना भी इसी दिन हुई थी इसलिए इस दिन को नववर्ष की शुरुआत भी माना जाता है. कई लोगों का ये भी कहना है कि इसी दिन भगवान श्रीराम ने बाली के अत्याचारी शासन से दक्षिण की प्रजा को मुक्ति दिलाई थी. जिसके बाद बाली के अत्यचार से मुक्त हुई प्रजा ने घर-घर में उत्सव मनाकर ध्वज (गुड़ी) फहराए. यही वजह है कि, इसे गुड़ी पड़वा कहते है. 

ये भी पढ़े

सृष्टि की रचना का प्रथम दिन - हिन्दू नव वर्ष गुड़ी पड़वा

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें

जानें नवरात्रि में इन नियमों का महत्व

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -