'जैसा ISIS आतंकी महिलाओं पर अत्याचार करते हैं, बंगाल में वैसा ही हो रहा, लेकिन ममता चुप..', संदेशखाली मुद्दे पर जमकर बरसीं लॉकेट चटर्जी
'जैसा ISIS आतंकी महिलाओं पर अत्याचार करते हैं, बंगाल में वैसा ही हो रहा, लेकिन ममता चुप..', संदेशखाली मुद्दे पर जमकर बरसीं लॉकेट चटर्जी
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कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा है कि पाकिस्तान की तरह पश्चिम बंगाल में भी महिलाओं पर हमले हो रहे हैं। चटर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर संदेशखाली हिंसा के बारे में "चुप" रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि,  "ममता बनर्जी ने अब तक इस मुद्दे पर एक भी बयान नहीं दिया है। TMC नेता शेख शाहजहां अभी भी फरार हैं। पुलिस उनका पता नहीं लगा पा रही है। वे (TMC) केवल 30% वोट चाहते हैं। हमने पाकिस्तान में महिलाओं पर अत्याचार के बारे में सुना था, वही बंगाल में हो रहा है। चटर्जी ने कहा कि, इसके बावजूद ममता बनर्जी चुप हैं और कह रही हैं कि RSS यह सब कर रहा है। 

लॉकेट चटर्जी ने कहा कि, ''हमने इराक, ईरान और पाकिस्तान जैसे देशों में महिलाओं के खिलाफ इस्लामिक स्टेट (ISIS) के अत्याचारों के बारे में सुना है, वही अब, यह यहां हो रहा है।'' चटर्जी ने यह भी कहा कि कोई FIR नहीं थी, जैसा कि सीएम बनर्जी ने बताया था, क्योंकि पुलिस और प्रशासन "TMC पार्टी कार्यालय की तरह काम कर" रहा है। उन्होंने कहा, पुलिस मुख्य आरोपी शेख शाहजहां को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है, क्योंकि बनर्जी ने उसे अपने संरक्षण में ले लिया है। ऐसे में पीड़ित महिलाओं की FIR कौन लिखेगा ? 

ममता बनर्जी की "30% राजनीति" के बारे में बोलते हुए, लॉकेट चटर्जी ने अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का संकेत दिया। भाजपा नियमित रूप से बंगाल की मुख्यमंत्री पर वोटों की खातिर राज्य में मुसलमानों (जो बंगाल की आबादी का लगभग 30% है) का पक्ष लेने का आरोप लगाती है। चटर्जी उन्होंने कहा कि सीएम बनर्जी आगामी लोकसभा चुनाव के कारण आरोपियों को बचा रहीं हैं। चटर्जी ने कहा कि, "बंगाल की महिलाओं को 500 रुपए (महिलाओं के लिए सरकारी योजना का जिक्र करते हुए) के बदले में उनकी गरिमा से समझौता करना पड़ता है।" 

वहीं, पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि संदेशखाली में यौन उत्पीड़न के मामलों के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को  लेकर बीजेपी विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। मजूमदार ने कहा कि, "शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हम आने वाले दिनों में कम से कम 72 घंटे लंबा विरोध प्रदर्शन करेंगे। विरोध का संभावित दिन 22 फरवरी है।" 

बता दें कि, संदेशखाली की हालत पर संसद की विशेषाधिकार समिति ने बंगाल के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन इसके खिलाफ ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई। जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने फ़ौरन सुनवाई करते हुए लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार समिति द्वारा पश्चिम बंगाल के शीर्ष अधिकारियों को भेजे गए नोटिस पर रोक लगा दी। अदालत ने ममता सरकार की याचिका पर गृह मंत्रालय से 4 हफ्तों में जवाब देने के लिए कहा है। 

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