नई दिल्ली : कई दिनों से सुर्खियों में रहे सहारा ग्रुप को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगायी है, हम आपको बता दे कि चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने बुधवार को सहारा ग्रुप को आदेश देते हुए कहा है कि वह एक सीलबंद लिफाफे में देश-विदेश की अपनी पूरी प्रॉपर्टी की डिटेल पेश करे। साथ ही 'हम यह पता करना चाहते हैं कि सुब्रत रॉय इन्वेस्टर्स का पूरा पैसा वापस कर सकते हैं या नहीं।'
साथ ही एक खबर यह भी मिली है कि सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद सहारा चीफ सुब्रत राय को पैरोल पर छोड़ने की अपील खारिज कर दी। सहारा से जुड़े इस केस में कई दिनों के बाद एक बार फिर गर्माहट आई है हम आपको बता दे की सहारा पर आई इस मुसीबत का खास कारण क्या है। सहारा ग्रुप पर आरोप है कि उसने इन्वेस्टर्स के 24,000 करोड़ रुपए नहीं लौटाए। उसने यह रकम अपनी दो कंपनियों एसआईआरईसीएल और एसएचएफसीएल के जरिए 2007-2008 में इन्वेस्टर्स से वसूली थी। इंटरेस्ट लगने के बाद सहारा का इन्वेस्टर्स पर बकाया अमाउंट 36,000 करोड़ रुपए हो चुका है।
सहारा चीफ को पैरोल पर छोड़ने की अपील खारिज कर देने पर सुब्रत राय के बकील का कहना है कि रॉय की तबीयत बिगड़ती जा रही है। वह जेल में अगली गर्मी नहीं झेल सकते। मार्केट रेगुलेटर सेबी 66 प्रॉपर्टीज बेचने के लिए पहले ही अथॉराइज्ड की जा चुकी है। 'इसलिए कोर्ट को रॉय को पैरोल पर छोड़ने पर विचार करना चाहिए।
अब देखना यह है की क्या इतनी बड़ी रकम समय रहते सहारा ग्रुप चुका पायेगा या नहीं।