छात्रों के लिए बेहद फलदायी है कार्तिक का महीना, बस रखना होगा इन 5 बातों का ध्यान
छात्रों के लिए बेहद फलदायी है कार्तिक का महीना, बस रखना होगा इन 5 बातों का ध्यान
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प्रभु श्री विष्णु को समर्पित कार्तिक के महीने का आरम्भ 21 अक्टूबर से होने जा रहा है। इसी महीने में प्रभु श्री विष्णु देवोत्थान एकादशी के दिन चार महीने की निद्रा से जागते हैं। इसके साथ चातुर्मास की समाप्ति हो जाती है तथा शुभ कार्य आरम्भ हो जाते हैं। मौसम के लिहाज से भी ये माह बहुत अच्छा होता है। इसमें न अधिक सर्दी होती है और न ही अधिक गर्मी। इसके अतिरिक्त कार्तिक के महीने में वर्षभर के कई बड़े त्योहार जैसे करवाचौथ, अहोई अष्टमी, दीवाली, भाईदूज आदि पड़ते हैं। इस वजह से भी कार्तिक महीना बहुत खास माना जाता है। किन्तु क्या आप जानते हैं कि पढ़ाई के लिहाज से भी इस माह को बहुत उत्तम माना गया है? ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि कार्तिक के माह में यदि छात्र कुछ आदतों का त्याग करके अध्ययन करें, तो उनकी एकाग्रता बढ़ने लगती है तथा वे तेजी से आगे बढ़ते हैं।

इन आदतों का करें त्याग:-
1- कार्तिक का माह पूजा पाठ का महीना है, इसमें मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ-साथ धूम्रपान एवं शराब से भी दूर रहना चाहिए। वैसे भी ये चीजें किसी भी लिहाज से अच्छी नहीं मानी जातीं। छात्रों को तो विशेष रूप से इनसे दूर ही रहना चाहिए।
2- मालिश से शरीर हष्ट पुष्ट होता है, किन्तु कार्तिक मास में शरीर में मालिश करने की मनाही है। हालांकि नरक चतुर्दशी मतलब छोटी दीपावली के दिन तेल से मालिश करना शुभ कहा जाता है।
3- यदि आपको दाल पसंद है, तो इस माह दाल का त्याग करना होगा। कार्तिक के महीने में उड़द, मूंग, मसूर, चना तथा मटर की दाल नहीं खानी चाहिए। अरहर की दाल खा सकते हैं। साथ-साथ राई राई खाने से भी परहेज करना चाहिए।
4- ब्रह्मचर्य का सख्ती से पालन करें। ऐसे में उनका मन नहीं भटकता तथा वे पूरी निष्ठा से परिश्रम कर पाते हैं। इससे प्रभु श्री विष्णु और माता लक्ष्मी अत्यंत खुश होते हैं।
5- इस एक महीने में अपनी विलासिताओं को त्यागने की बात कही गई है। परम्परा है कि इस महीने में प्रभु श्री विष्णु पृथ्वीलोक में आकर लोगों का हाल देखते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए तथा सात्विक जीवन गुजारना चाहिए।

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